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इनडोर स्टेडियम की हालत, अभ्यास करें या छाता ताने

राजधानी शिमला का इनडोर स्टेडियम खेल विभाग की अनदेखी का शिकार

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 10:17 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:17 PM (IST)
इनडोर स्टेडियम की हालत, अभ्यास करें या छाता ताने
इनडोर स्टेडियम की हालत, अभ्यास करें या छाता ताने

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला का इनडोर स्टेडियम खेल विभाग की अनदेखी का शिकार हो रही है। बाहर से सुंदर दिखने वाली इमारत अंदर से खस्ताहाल है। इससे यहां आने वाले खिलाड़ियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इमारत की छत टपक रही है, दीवारों पर सीलन आने से रंग उखड़ रहा है। दीवारों पर काई जम चुकी है, जो बीमारियों को न्योता दे रही है। बिजली प्वाइंट भी उखड़ गए हैं, जो हर समय हादसे को न्योता दे रहे हैं।

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यहा पर राज्य और जिलास्तरीय प्रतियोगिताएं होती हैं। इनमें दूरदराज क्षेत्रों से खिलाड़ी भाग लेते हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश का पानी बॉक्सिंग रिंग में टपकता रहता है। छत पर पानी एकत्र होने से अंदर टपकता है, लेकिन न खेल विभाग और न ही खेल संघ इस तरफ कोई ध्यान दे रहा है। पानी से बॉक्सिंग मैट भीग कर खराब हो रहे हैं। वहीं दूरदराज से आए खिलाडि़यों को भी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। इतना ही नहीं बॉक्सिंग रिंग जाने वाले रास्ते में वैसे तो छत लगी हुई है लेकिन इससे भी पानी टपकता है। ऐसे में खिलाड़ियों का रिंग तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है।

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स्टेडियम में खिलाड़ी असुरक्षित

सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है। वहीं, उपेक्षा का शिकार हो रहे इंदिरा गाधी खेल परिसर की हालत किसी से छुपी नहीं है। यहां खिलाड़ी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बिजली के प्वाइंट उखड़ने और दीवारों पर सीलन होने से हादसा भी हो सकता है। ऐसे में खेल प्रतिभाएं कैसे निखर सकती हैं। असुरक्षित स्थान पर युवा बेहतर अभ्यास भी नहीं कर पा रहे हैं।

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40 लाख से होना था जीर्णोद्धार

खेल विभाग की ओर से इंदिरा गांधी खेल परिसर के जीर्णोद्धार के लिए 40 लाख रुपये आवंटित हुए थे। लेकिन लोक निर्माण विभाग ने अब तक कार्य पूरा नहीं किया है।

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लोक निर्माण विभाग मरम्मत कार्य कर रहा है। अभी तक भवन खेल विभाग को हैंड ओवर नहीं किया है। काम पूरा न होने के कारण अभी भी समस्या जस की तस बनी हुई है।

-सुबोध रमोल, उप निदेशक युवा सेवाएं एवं खेल विभाग।


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