इटली और स्पेन की तर्ज पर होगी हिमाचल में कृषि मार्केटिंग, विधानसभा में पेश होगा कृषि मॉडल एक्ट
Spain and Italy Agriculture Model हिमाचल में कृषि विपणन इटली तुर्की व स्पेन की तर्ज पर शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल में कृषि विपणन इटली, तुर्की व स्पेन की तर्ज पर शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है। हाल ही में विदेश दौराकर लौटे कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय और कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम विदेशी प्रणाली को लागू करने के बारे में सोच रही है। सरकार के अधिकारी इन देशों के मार्केटिंग मॉडल को समझने के लिए गए थे। विदेशों में कृषि विपणन की पद्धति राज्य में मौजूद प्रणाली से बेहतर है। प्रदेश में भी इस मॉडल को लागू करने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
किसानों को उपज का सीधा लाभ प्राप्त हो सके, इसे मुख्य बिंदु के तौर पर ध्यान में रखा जाएगा। अधिकारियों ने पाया कि विदेशों में विपणन का काम निजी हाथों में है। सरकारों का विपणन प्रणाली में किसी प्रकार का कोई दखल नहीं है। वहां पर विपणन के लिए पहले कंपनी बनाते हैं। उसके उपरांत कृषि सोसायटी में बदलकर मार्केटिंग करवाते हैं, जिसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता।
प्राइवेट मार्केटिंग यार्ड में हर तरह का उत्पाद बेचा जाता है। इसमें फल, फूल, सब्जी, मीट सहित प्रत्येक सब्जी शामिल है। प्रदेश का कृषि मॉडल एक्ट भी विधानसभा के इसी बजट सत्र में पेश होने वाला है। भारत सरकार के इस एक्ट को 18 राज्य अपना चुके हैं। अब हिमाचल भी इसी एक्ट को कुछ नई चीजें जोड़कर अपनाएगा। सरकार विदेशों की तर्ज पर मॉडल एक्ट में फल, फूल, सब्जी, मीट, मछली सहित हर उत्पाद को एक ही यार्ड में बेचने का प्रावधान करने जा रही है।
नए एक्ट के तहत 244 उत्पाद बेचे जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त सरकार के अधीन सब्जी मंडियों की जगह प्राइवेट मॉर्केटिंग यार्ड को भी अनुमति दी जाएगी। प्राइवेट मार्केटिंग यार्ड और स्वयं सहायता समूहों की ओर से मार्केटिंग किए जाने का असर सब्जी मंडियों पर पड़ सकता है। यहां पर सरकार से लाइसेंस प्राप्त आढ़ती फल-सब्जियों को बिकवाते हैं। कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय का कहना है कि नए मॉडल एक्ट के प्रावधानों से ऐसा कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सब्जी मंडियां मार्केटिंग बोर्ड के नियंत्रण में रहेंगी। यहां पर ई-टेंडरिंग के जरिए उत्पाद बेचने के प्रयास होंगे।
स्वयं सहायता समूह होंगे प्रोत्साहित
हिमाचल सरकार ओपन मार्केटिंग व्यवस्था शुरू करने वाली है। ऊना जिले में चल रहे स्वयं सहायता समूह के इसका उदाहरण है। अब पूरे हिमाचल में महिला, किसान और दूसरे स्वयं सहायता समूहों को विशेष वित्तीय मदद देकर मार्केङ्क्षटग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।