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बहती गंगा में सोलन पुलिस भी धोएगी हाथ

खली के रेसलिंग शो के बाद कुर्सियों के किराये को लेकर शुरू हुई नूराकुश्ती में सोलन पुलिस ने भी मैदान का किराया वसूलने के लिए खेल विभाग को बिल थमा दिया है।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 10:20 AM (IST)
बहती गंगा में सोलन पुलिस भी धोएगी हाथ
बहती गंगा में सोलन पुलिस भी धोएगी हाथ

शिमला, रविंद्र शर्मा। खली के रेसलिंग शो यानी कांटिनेंटल रेसलिंग इंटरटेनमेंट (सीडब्ल्यूई) के बाद कुर्सियों के किराये को लेकर शुरू हुई नूराकुश्ती में सोलन पुलिस भी कूद पड़ी है। सोलन में पुलिस मैदान में दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खेली का रेसलिंग शो करवाया गया था। शो में लगी कुर्सियों का बिल जाता देख सोलन पुलिस ने भी बहती गंगा में हाथ धोने की सोच ली।

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सोलन पुलिस ने भी अपने मैदान का किराया वसूलने के लिए खेल विभाग को बिल थमा दिया है। सूत्रों की मानें तो सोलन पुलिस ने खेल विभाग को करीब 50 हजार रुपये का बिल दिया है। ऐसे में खली का रेसलिंग शो का विवाद तूल पकड़ता नजर आ रहा है। जब यह कार्यक्रम सरकारी नहीं था तो मैदान को इस्तेमाल करने पर किराये का बिल सोलन पुलिस ने खेल विभाग को क्यों थमा दिया। 

दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा कुर्सियों का जो बिल खेल विभाग को थमाया गया है उसमें न तो कुर्सियों की संख्या को दर्शाया गया और न ही अन्य सामान अलग अलग दर्शाया है। खेल विभाग के सूत्रों के अनुसार

सोलन जिला प्रशासन द्वारा थमाए गए बिल में मोटे तौर पर राशि अंकित की गई है। हैरानी की बात यह है कि जिला प्रशासन ने इसकी कोई जांच भी नहीं की है। 

मंडी में 300 कुर्सियों की मरम्मत के मांगे 90 हजार

खेल विभाग के अधिकारियों की मानें तो मंडी जिला प्रशासन की ओर से आए खली के शो के दौरान लगी कुर्सियों के बिल में 300 कुर्सियों के क्षतिग्रस्त होने का जिक्र किया गया है। बिल में क्षतिग्रस्त हुई प्रति

कुर्सी के लिए 300 रुपये का बिल बनाया है। इस हिसाब से 90,000 के अलावा कुर्सियों को लाने और मैदान से ले जाने का 12000 रुपये किराया भी जोड़ा गया है। 

पुलिस मैदान में खली की रेसलिंग शो हुआ था। हमने मैदान के किराये का बिल खेल विभाग को भेजा है।

-मधुसूदन ,पुलिस अधीक्षक सोलन। 

कुर्सियों के बिल का मामला ध्यान में नहीं आया है। यदि 300 रुपये कुर्सी की मरम्मत का मांगा गया है तो

इसकी जांच होगी। ऐसा नहीं है जो उन्होंने बिल भेज दिया है उसका भुगतान कर दिया जाएगा। पहले जांच की जाएगी उसके बाद सोचा जाएगा बिल का भुगतान करना चाहिए कि नहीं।

-गोविंद ठाकुर, खेल मंत्री।


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