तूफान ने सताए किसान व लोग, कई घरों की छतें उड़ीं
जिला शिमला में वीरवार रात और शुक्रवार दोपहर को चले तूफान ने जमकर कहर बरपाया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : जिला शिमला में वीरवार रात और शुक्रवार दोपहर को चले तूफान ने जमकर नुकसान किया है। कई स्थानों पर तूफान के कारण घरों की छतें उड़ गई। इसके अलावा फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। जिले के फागू, कुफरी, खड़ापत्थर, चौपाल में बर्फबारी के कारण यातायात बाधित हो गया। इससे लोगों को परेशान होना पड़ा। रामपुर व रोहडू के लिए बसें वाया बसंतपुर भेजी गई। हालांकि कुछ बसें फागू व कुफरी से भी भेजी गई, लेकिन रास्ते पर फिसलन होने के कारण बार-बार जाम लगता रहा।
रोहडू उपमंडल में वीरवार रात को चले तूफान के कारण चार घरों की छतें उड़ गई, जबकि रामपुर में तीन और नेरवा में एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई। तूफान और बर्फबारी के कारण चौपाल में पूरी तरह ब्लैक आउट हो गया है। कई स्थानों पर बिजली की तारें टूट गई हैं, इस कारण समूचे क्षेत्र में अंधेरा पसर गया है।
वहीं शिमला में भी शुक्रवार दोपहर करीब डेढ़ बजे तूफान चला। इससे कई लोगों के टीवी, फ्रीज, कंप्यूटर, बिजली उपकरण जल गए। हालांकि, विभागीय अधिकारी आकलन में लगे हैं रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। लाखों का हुआ नुकसान
जिले के कई हिस्सों में एलटी, एचटी लाइनों सहित पोल टूट गए हैं। ट्रांसफार्मर जल गए हैं। बोर्ड बिजली बहाल नहीं करवा पाया है। क्षेत्र में किसानों की फसलें तूफान ने तहस-नहस कर दी हैं। बगीचों में सेब के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा है। जिले के मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन दिनों आडू, नाशपाती, पलम, बादाम में फ्लावरिग जोरों पर थी। लेकिन तूफान के कारण सारे फूल गिर गए हैं। पानी की सप्लाई भी पहुंची कम
राजधानी शिमला में बारिश के कारण पानी की सप्लाई भी बाधित हुई है। गिरि परियोजना में गाद आने से 10 एमएलडी पानी ही शिमला पहुंच पाया। जबकि चेड़ परियोजना से पानी की आपूर्ति गाद के कारण बंद कर दी गई। इस कारण शिमला शहर में 39 एमएलडी पानी की ही आपूर्ति शुक्रवार को हो सकी। शनिवार को भी इसका असर रहेगा और शहर के लोगों को पानी कम मिलेगा।