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बीके अग्रवाल ने श्रीकांत बाल्‍दी को सौंपा मुख्‍य सचिव का कार्यभार, इसके साथ ही जुड़ गया एक नया पहलू

हिमाचल प्रदेश सरकार के नए मुख्‍य सचिव श्रीकांत बाल्‍दी ने पदभार संभाल लिया। इसके साथ ही एक ऐतिहासिक पहलू भी इसके साथ जुड़ गया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 03:42 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 03:42 PM (IST)
बीके अग्रवाल ने श्रीकांत बाल्‍दी को सौंपा मुख्‍य सचिव का कार्यभार, इसके साथ ही जुड़ गया एक नया पहलू
बीके अग्रवाल ने श्रीकांत बाल्‍दी को सौंपा मुख्‍य सचिव का कार्यभार, इसके साथ ही जुड़ गया एक नया पहलू

शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश सरकार के नए मुख्‍य सचिव श्रीकांत बाल्‍दी ने पदभार संभाल लिया। इसके साथ ही एक ऐतिहासिक पहलू भी इसके साथ जुड़ गया। हिमाचल में पहली बार मुख्य सचिव ने दूसरे मुख्य सचिव को अपनी कुर्सी सौंपी है। इससे पहले आज तक पहले मुख्य सचिव सेवानिवृत्त होते थे और उसके बाद दूसरे दिन नया मुख्य सचिव नियुक्त होता था। लेकिन बीके अग्रवाल के केंद्र में जाने के कारण ऐसा हुआ है। इस मौके पर बीके अग्रवाल ने नए सीएस को बधाई दी। इस मौके पर विभिन्‍न कर्मचारी संगठनों व सचिवालय स्‍टाफ ने भी नए मुख्‍य सचिव से मुलाकात कर उन्‍हें बधाई दी।

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मुख्‍य सचिव श्रीकांत बाल्‍दी ने कहा धर्मशाला में नवंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को धरातल पर उतारने के लिए सबका सहयोग लिया जाएगा। इन्वेस्टर मीट को सफल बनाना पहला लक्ष्य है। हिमाचल को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए पर्यटन आधारित योजनाओं को जल्द शुरू करवाया जाएगा। हिमाचल की पर्यटन राज्य के रूप में पहचान बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के स्वच्छ प्रशासन, भ्रष्टाचारमुक्त शासन और रोजगारपरक कार्यक्रमों पर काम होगा। मैं प्रदेश भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ पहले दिन से जुड़ा रहा हूं। इसलिए मुझे सब योजनाओं व कार्यक्रमों का ज्ञान है। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश : 

ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए रखा 85 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य कैसे संभव है?

मेरा पूरा फोकस ग्लोबल इन्वेस्टर मीट पर रहेगा। सरकार ने निवेश के लिए उद्योगपतियों को जमीन लेने का सरलीकरण किया है जो सबसे ज्यादा मुश्किल काम होता था। हिमाचल में अब लोग हंसते हुए निवेश करने के लिए आने को तैयार हैं। सरकार निवेशकों के साथ सहायक के तौर पर खड़ी होगी। सरकार का उद्देश्य रोजगार के अवसर पैदा करना और राज्य का आर्थिक विकास है। निवेश होने से प्रदेश के अंदरूनी क्षेत्रों में भी उद्योग स्थापित होंगे।

पर्यटन की बात जोर-शोर से होती है। लेकिन पर्यटन दिखता क्यों नहीं?

ऐसा नहीं है। पर्यटन से जुड़ी परियोजनाओं पर काम हो रहा है। वाटर स्पो‌र्ट्स आधारित पर्यटन गतिविधियां कोल डैम में जल्द शुरू होंगी। इसी प्रकार रोप-वे परियोजनाओं को भी समयबद्ध निर्मित करने पर जोर दिया जाएगा। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से शक्तिपीठों में सुविधाएं बेहतर की गई हैं। साहसिक पर्यटन भी विकसित हो रहा है।

आर्थिक मोर्चे पर संकट का राग कब खत्म होगा?

राज्य के अपने आय के साधन सीमित हैं। प्रदेश पहले से केंद्रीय सहायता पर निर्भर रहा है। लेकिन आने वाले समय में राज्य अपने पैरों पर खड़ा होने की दिशा में चल पड़ा है। यहां पर निर्माण पर होने वाला खर्च भी अधिक है। एक समय तक विद्युत उत्पादन से राज्य को आमदनी होनी शुरू हुई थी। लेकिन बाजार में विद्युत मूल्य गिरने से समस्या खड़ी हुई है। बागवानी को मिल रहे प्रोत्साहन से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।


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