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Shimla Smart City: स्मार्ट रास्ते के लिए घोंट दिया हरे पेड़ों का गला, अब उठ रहे ये सवाल

Smart City Shimla लोगों को पैदल चलने के लिए बनाए जा रहे स्मार्ट पाथ के लिए हरे पेड़ों का गला घोंट दिया गया है। रास्ते के निर्माण में एक नहीं बल्कि करीब आधा दर्जन पेड़ इसकी जद में आ गए हैं।

By Anil ThakurEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Sat, 10 Jun 2023 07:28 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 07:28 PM (IST)
Shimla Smart City: स्मार्ट रास्ते के लिए घोंट दिया हरे पेड़ों का गला, अब उठ रहे ये सवाल
Shimla Smart City: स्मार्ट रास्ते के लिए घोंट दिया हरे पेड़ों का गला : जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता: राजधानी शिमला में लोगों को पैदल चलने के लिए बनाए जा रहे स्मार्ट पाथ के लिए हरे पेड़ों का गला घोंट दिया गया है। रास्ते के निर्माण में एक नहीं बल्कि करीब आधा दर्जन पेड़ इसकी जद में आ गए हैं। शिमला में हरे पेड़ों के कटान पर पूर्णत: प्रतिबंध है। यही नहीं सूखा पेड़ भी काटना हो तो उसके लिए भी ट्री अथॉर्टी की अनुमति चाहिए।

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इस झंझट से बचने के लिए शहर में पैदल रास्ते के निर्माण के लिए पेड़ों को रास्ते के बीच में ही ले लिया गया है। पेड़ के चारों तरफ लोहे की शीट लगा दी गई है। पेड़ की जितनी मोटाई है उतना हिस्सा ही खाली छोड़ा गया है। ऐसा करने से आने वाले दिनों में ये पेड़ या तो सूख जाएंगे या फिर इनकी ग्रोथ रूक जाएगी।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 103 टनल से पुराने बस अड्डे तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रास्ता बनाया जा रहा है। विधानसभा चौक से पुराने बस अड्डे तक यह काम पूरा हो चुका है। 103 टनल से रेलवे स्टेशन तक काम चला हुआ है।

डीपीआर बनाते क्यों नहीं दिखे पेड़

नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति हरे पेड़ वाले स्थान में निर्माण कार्य नहीं कर सकता। यदि किसी के प्लॉट में पेड़ है तो वह अपना घर वहां नहीं बना सकता यही नहीं पेड़ को अपने घर के बीच में भी नहीं ले सकता। रास्ता बनाते वक्त इस नियम की पूरी तरह अनदेखी हुई है। बड़ा सवाल ये है कि जब रास्ते के निर्माण के लिए डीपीआर बनाई जा रही थी तो क्यों यह पेड़ नहीं दिखाई दिए।

पेड़ काटने पर है मनाही

राजधानी शिमला में हरे पेड़ों के कटान पर पूर्णत: रोक हैं। लाेगों की तरफ से घरों को खतरा बन चुके पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी जाती है। इसको लेकर कई आवेदन सालों से निगम कार्यालय में पड़े हुए हैं। ट्री अथॉर्टी पहले मौके का विजिट करती है। उसके बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है। पेड़ों को काटने के बजाए उनकी छंटाई यानि टहनियों को ही काटने की अनुमति मिलती है।

17 किलोमीटर लंबा बन रहा स्मार्ट पाथ

राजधानी शिमला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कुल 17 किलोमीटर लंबा स्मार्ट पाथ बनाया जा रहा है। राजधानी शिमला सहित उप नगरों में यह पाथ बनाया जा रहा है। इसका ज्यादातर काम पूरा हो चुका है। इन रास्तों की चौड़ाई को लेकर पहले भी लोग सवाल उठा चुके हैं। सवाल है कि इन रास्तों में यदि सामान लेकर चलना हो तो मुशिकल हो जाती है क्योंकि इसकी चौड़ाई काफी कम है।

पेड़ों का संरक्षण करने की दी है अनुमति

रास्ते के निर्माण में जो पेड़ आए थे उनके काटने की परमिशन मांगी गई थी। विभाग हरे पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं देता। विभाग ने रास्ते के निर्माण के दौरान पेड़ों का संरक्षण करने (प्रोटेक्ट करने) की अनुमति दी है। रास्ते के बीच शीट इस तरह बिछाई गई है ताकि पेड़ों को नुकसान न हो। भविष्य में यदि पेड़ बढ़ता है और लगता है कि यह सूख सकता है तो ऐसी सूरत में जगह को और खुला किया जाता है ताकि पेड़ को कोई नुकसान न हो। -राजेश शर्मा, डीएफओ शिमला शहरी


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