Shimla: कृषि-बागवानी के लिए पर्याप्त नहीं वर्षा, जनवरी में कुछ राहत मिली, फरवरी-मार्च में और वर्षा की आवश्यकता
Shimla News प्रदेश में नवंबर-दिसंबर के सूखे के बाद जनवरी में वर्षा ने राहत दी लेकिन यह भी कृषि व बागवानी के पर्याप्त नहीं है। हिमाचल प्रदेश में जनवरी महीने में सामान्य से दो प्रतिशत वर्षा ही कम हुई है।
शिमला,जागरण संवाददाता। प्रदेश में नवंबर-दिसंबर के सूखे के बाद जनवरी में वर्षा ने राहत दी लेकिन, यह भी कृषि व बागवानी के पर्याप्त नहीं है। हिमाचल प्रदेश में जनवरी महीने में सामान्य से दो प्रतिशत वर्षा ही कम हुई है।
औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सोलन के विज्ञानियों का कहना है कि फसलों के लिए फरवरी-मार्च में और वर्षा की आवश्यकता है। अब तक पूरे शीतकाल में 60 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। नवंबर में तो वर्षा न के बराबर हुई और दिसंबर में सामान्य से करीब 60 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज की गई।
जनवरी में सबसे अधिक वर्षा चंबा में
जनवरी में मंडी जिला में सामान्य से 39 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि सोलन में 33.3 और किन्नौर में 31 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है। अभी फरवरी में आठ दिन तक विभाग ने मौसम साफ रहने का अनुमान जताया है। ऐसे में कम वर्षा का प्रभाव कृषि के साथ बागवानी पर पड़ सकता है।
प्रदेश में कुछ दिन से चटक धूप खिल रही
जनवरी में सबसे अधिक वर्षा चंबा में 141 मिलीमीटर हुई है। हालांकि यह सामान्य से 11 प्रतिशत ही अधिक है।कांगड़ा में 116 मिलीमीटर वर्षा हुई है। वहीं, प्रदेश में अब भी 208 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। प्रदेश में कुछ दिन से चटक धूप खिल रही है। इससे गर्मी महसूस की जा रही है।