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शिमला के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि, निरिक्षण पर उतरा खरा

cleanliness in Shimla हिमाचल का शिमला शहर स्वच्छता के मानकों पर खरा उतरा है इसलिये इस शहर को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा दिया गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 08:38 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 08:38 AM (IST)
शिमला के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि, निरिक्षण पर उतरा खरा
शिमला के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि, निरिक्षण पर उतरा खरा

शिमला, जेएनएन। शिमला हिमाचल का पहला खुला शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस प्लस शहर बन गया है। नगर निगम शिमला का क्षेत्र स्वच्छता के मानकों पर खरा उतरा है। केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण टीम ने शिमला शहर को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा दिया है।  

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केंद्रीय टीम ने शिमला शहर का चार दिन निरीक्षण किया था। इस दौरान शौचालयों, एसटीपी, सीवेज लाइन और स्वच्छता से संबंधित विभिन्न स्थानों की जांच की थी। ओडीएफ का दर्जा नगर निगम को पहले ही मिल चुका था, लेकिन प्लस प्लस में शत प्रतिशत सीवरेज कनेक्टिविटी, बेहतर ट्रीटमेंट प्लांट, शौचालयों की व्यवस्था को भी जांचा गया। शिमला शहर में ये व्यवस्थाएं ठीक पाई गई इसके बाद दर्जा दिया गया है।

निगम को मिले पूरे 500 अंक

दो अक्टूबर 2014 को केंद्र ने पूरे देश में खुला शौच मुक्त अभियान शुरू किया था। इसमें वातावरण को साफ बनाए रखने के लिए खुले में शौच मुक्त सिटी की पहल शुरू की गई थी। नगर निगम शिमला ने भी इसमें अपना दावा पेश किया और खुला शौच मुक्त का दर्जा हासिल किया। खुला शौच मुक्त प्लस प्लस में सीवेज के बेहतर ट्रीटमेंट और शत प्रतिशत कनेक्टिविटी को शामिल किया गया है। इस बार की रैंकिंग में इसके लिए अलग अंक रखे गए थे इसमें निगम को पूरे 500 अंक मिले हैं।

 क्या है ओडीएफ प्लस प्लस

ओडीएफ शहर में शत प्रतिशत घरों में शौचालय बने हों। सीवरेज कनेक्टिविटी, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, और प्लांट पर सीवरेज के बेहतर ट्रीटमेंट जिस शहर में होता है उसे बाह्य शौच मुक्त प्लस प्लस का दर्जा दिया जाता है।  

सर्वेक्षण के मानक

  • सभी शौचालय चालू होने चाहिए। उनमें पानी भी उपलब्ध हो।
  • सभी सार्वजनिक स्थल के एक किलोमीटर के दायरे में एक चालू शौचालय का होना जरूरी।
  • किसी भी बड़े कार्यक्रम के लिए मोबाइल टॉयलेट का उपलब्ध होना जरूरी।
  • शहर के सभी घरों के टॉयलेट, पब्लिक टॉयलेट सीवर लाइन या सेप्टिक टैंक से जुड़े होने चाहिए।
  • किसी भी शौचालय से ओपन डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए।
  • सीवर लाइनों की लीकेज या खराबी को छह घंटे में ठीक करना होगा।
  • सीवर के वेस्ट को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर ट्रीट होना चाहिए।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            

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