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खाली करें साइंस हाल : एसएफआइ

एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने कुलपति डॉ सिकंदर को शनिवार को एक मांगपत्र सौंपा। इस मांगपत्र के माध्यम से साइंस हॉल को जल्द से जल्द खाली करने की मांग प्रमुखता से उठाई गई। क्योंकि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की अकादमिक गतिविधियों ,सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एकमात्र विश्विद्यालय का सभागार नाकाफी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 09:24 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:24 PM (IST)
खाली करें साइंस हाल : एसएफआइ
खाली करें साइंस हाल : एसएफआइ

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआइ इकाई ने कुलपति डॉ. सिकंदर को शनिवार को मांगपत्र सौंपकर साइंस हाल को जल्द खाली करने की मांग उठाई। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की अकादमिक गतिविधियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एकमात्र विश्वविद्यालय का सभागार नाकाफी है। हालांकि इससे पहले एसएफआइ ने डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर को बहुत बार ज्ञापन सौंपा लेकिन कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।

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एसएफआइ के इकाई सचिव जीवन ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा अकादमिक गतिविधियों को करने के लिए स्थान देने में नाकाम रहा है जिसके चलते छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। छात्रों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ सहते हुए बाहरी स्थान पर कार्यक्रमों का आयोजन करना पड़ता है। एसएफआइ मांग की हैं कि जल्द से जल्द साइंस हॉल से सामान हटा कर उसकी हालत को सुधारकर छात्रों के लिए उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही छात्र आंदोलन के चलते 2014 में बनी हाई पॉवर कमेटी की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने की मांग की गई। विश्वविद्यालय में टी¨चग तथा कर्मचारियों की स्थायी भर्ती करने की मांग उठाई तथा भर्ती को आउटसोर्स ना करने की मांग की। नए छात्रावासो का निर्माण तथा कैंपस के अंदर छात्र संघ चुनाव को प्रत्यक्ष रूप से करने की मांग उठाई।कैंपस अध्यक्ष विक्रम ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इन सभी मांगों पर जल्द ही सकारात्मक कदम उठाना चाहिए क्योंकि विश्वविद्यालय का छात्र लंबे अरसे से इसके लिए संघर्षरत हैं ।यदि विश्विद्यालय प्रशासन जल्द इन मुद्दों पर जल्द कोई निर्णय नहीं लेता तो मजबूरन छात्रों को लामबंद करके आंदोलन का रास्ता चुनना होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी खुद विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।


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