हंगामा: प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के कर्मियों को सचिवालय में खपाने का विरोध Shimla News
वीरवार को सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के कर्मियों को यहां खपाने की मुहिम का कड़ा विरोध किया।
शिमला, राज्य ब्यूरो। राज्य सचिवालय के कर्मचारियों का गुस्सा इन दिनों सातवें आसमान पर है। वीरवार को सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के कर्मियों को यहां खपाने की मुहिम का कड़ा विरोध किया। कैबिनेट बैठक से ऐन पहले उन्होंने खूब हंगामा मचाया। सुबह करीब डेढ़ घंटे तक कामकाज प्रभावित हुआ। साढ़े 11 बजे संघ के पदाधिकारियों ने इस मसले पर सचिवालय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. आरएन बत्ता से मुलाकात की। उन्होंने ऐसी किसी भी सरकारी मुहिम से साफ इंकार किया। लेकिन कर्मचारी नहीं माने। उन्होंने 12 बजे मुख्य सचिव बीके अग्रवाल से मुलाकात की।
संघ नेताओं ने अपनी मांग और ङ्क्षचताओं से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के करीब 100 कर्मियों को प्रदेश में नए खुले अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के कार्यालयों में भेजा जाए। इन्हें सचिवालय में क्यों खपाया जा रहा है? मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि वे कर्मचारियों की मांग को सरकार के साथ प्रमुखता से उठाएंगे। उनके आश्वासन से भी वे नहीं माने। करीब डेढ़ बजे उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुलाकात की। उनके समक्ष मांग की जोरदार पैरवी की। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि सरकार सचिवालय कर्मचारियों के हितों पर कोई आंच नहीं आने देगी। इसके बाद वे शांत हो गए और अपने काम पर लौट गए।
प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग करने से वहां के कर्मचारियों को सचिवालय में खपाने की कवायद सहन नहीं होगी। इस मामले में कर्मचारियों ने अपना विरोध दर्ज किया है। पहले सचिव, फिर सीएस और बाद में मुख्यमंत्री से मिले। अगर दूसरे जगहों से कर्मचारी आएंगे तो हमारे हित प्रभावित होंगे। हमारे कर्मियों को पदोन्नति से महरूम रहना होगा। -संजीव शर्मा, अध्यक्ष, सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ।
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