पेपर सेटिग में बदलाव करेगा स्कूल शिक्षा बोर्ड
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड पेपर सेटिग में बड़ा बदलाव करेगा। परीक्षाओं में अब विद्यार्थियों से 40 फीसद आसान सवाल पूछे जाएंगे। 40 फीसदी सवाल औसत यानी मध्यम दर्जे के और शेष 20 फीसद कठिन प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नों का बैंक तैयार किया जाएगा। इसकी शिक्षकों को बाकायदा ट्रेनिग मिलेगी। पुराने वाले पेपरों को किनारे किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड पेपर सेटिंग में बदलाव करेगा। बोर्ड की परीक्षाओं में अब विद्यार्थियों से 40 फीसद आसान प्रश्न पूछे जाएंगे। 40 फीसद प्रश्न औसत यानी मध्यम दर्जे के और शेष 20 फीसद कठिन सवाल पूछे जाएंगे। यह बात स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश सोनी ने शिमला में पत्रकारों से कही।
उन्होंने कहा कि प्रश्नों का बैंक तैयार होगा। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुराने प्रश्नपत्रों में बदलाव किया जाएगा। इसके लिए हर जिला में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। पांचवीं व आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। उपनिदेशक और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) इसे आयोजित करेंगे। पेपर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सेट किया है। उन्होंने दावा किया कि बोर्ड के पास पेपर की जो गुणवत्ता उपलब्ध है, वह पूरे देश में किसी दूसरी जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि इन दो कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं लंबे अरसे बाद हो रही हैं। नई व्यवस्था के मुताबिक विद्यार्थी पांचवीं व आठवीं में भी फेल हो सकेंगे। दसवीं व जमा दो कक्षाओं की परीक्षाओं में नकल रोकने के गंभीर प्रयास किए गए हैं। महिला कर्मियों के हवाले 45 परीक्षा केंद्र थे। इनमें नकल का एक भी मामला सामने नहीं आया था।
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एसओएस के सरकारी स्कूलों में 230 स्टडी सेंटर
डॉ. सुरेश सोनी ने कहा कि राज्य मुक्त विद्यालय (एसओएस) में इस साल दसवीं व जमा दो कक्षाओं के 48 हजार विद्यार्थियों को परीक्षा देने का एक और मौका दिया गया। पहले ये विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो पाए थे। इस अवसर से बड़ी संख्या में विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
डॉ. सुरेश सोनी ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल लालपानी (शिमला) में एसओएस की कार्यशाला में कहा कि एसओएस के सरकारी स्कूलों में 230 व निजी स्कूलों में 35 स्टडी सेंटर हैं। कार्यशाला में स्टडी सेंटर की समस्याएं, आइटी व शिक्षकों की आवश्यकता का मामला उठा जिस पर उचित कदम उठाए जाएंगे। शिक्षा में सुधार के लिए निजी संस्थानों को भी साथ आकर व्यवस्था के साथ चलना होगा।
बोर्ड ने निर्णय लिया है कि एसओएस का अलग विग होना चाहिए। विद्यार्थियों को किस तरह सुविधा दी जाए, इस पर काम किया जाएगा। एसओएस के स्टडी सेंटर को इग्नू की तर्ज पर कक्षाएं चलाने, शिक्षकों और काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसमें बेरोजगार शिक्षकों को भी मौका दिया जाएगा। कार्यशाला में सोलन, सिरमौर, शिमला व किन्नौर जिलों के एसओएस स्टडी सेंटर के समन्वयक व प्रधानाचार्य उपस्थित थे।