स्कूल, कॉलेजों में 15 दिन में लगेंगे सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर
प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों को सेनेटरी नैपकिन इनसरेटर मशीनें लगेगी। इसके लिए उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने सभी उप निदेशकों और निजी स्कूलों को निर्देश जारी कर इस्तेमाल सेनेटरी नैपकिन को डिस्पोज करने के लिए इंसरेटर मशीनें लगाने का कहा है। इस मशीन के लगाने की रिपोर्ट तैयार कर 15 दिनों भीतर निदेशालय को सौंपनी होगी। स्कूलों के अलावा कॉलेजों को भी सेनेटरी नैपकिन डिस्पोजिग मशीनें लगाने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग की मानें तो प्रदेश के ग्राीमण क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्कूलों में सबसे पहले सेनेटरी नैपकिन डिस्पोजिग मशीनें लगाई
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों को सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर लगाए जाएंगे। इसके लिए उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने सभी उप निदेशकों और निजी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं। निदेशालय ने इस्तेमाल सेनेटरी नैपकिन को डिस्पोज करने के लिए इंसीनरेटर लगाने को कहा है। इसकी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर निदेशालय को सौंपनी होगी। कॉलेजों को भी अपने स्तर सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर लगाने को कहा गया है।
शिक्षा विभाग की मानें तो ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में सबसे पहले सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर मशीनें लगाई जाएंगी। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा करीब तीन करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया गया है। इसके अलावा सरकारी कॉलेजों को स्वयं ये मशीनें लगानी होंगी। इसके लिए सरकार की ओर अलग से कोई फंड नहीं दिया जाएगा। निजी स्कूलों में आशा वर्कर के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन सस्ते दामों पर मुहैया करवाए जा रहे हैं, लेकिन इस्तेमाल किए गए सेनेटरी नैपकिन को डिस्पोज करने के लिए इंसीनरेटर खुद लगाने होंगे। उच्चतर शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद चौहान ने कहा कि यदि कोई निजी स्कूल सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर मशीन नहीं लगाता है तो उसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्च न्यायालय को भेज दी जाएगी क्योंकि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं।