भारत में सात करोड़ लोग नशे के शिकार
हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति की ओर से शिमला में 'युवा बचाओ अभियान' के तहत सामने आया कि भारत में करीब सात करोड़ लोग नशे के आदी हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति की ओर से शिमला में 'युवा बचाओ अभियान' के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समिति के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश ने कहा कि नशे के संबंध में आ रहे आकड़े बहुत ही खतरनाक हैं। हर दिन 2000 करोड़ रुपये मूल्य के नशे की तस्करी हो रही है। दुनिया भर में 23 करोड़ लोग नशे के शिकार हैं जिनमें से भारत में ही सात करोड़ लोग हैं।
डॉ. ओम प्रकाश ने कहा कि 20 से 40 साल के बीच के 70 फीसद युवा नशे के शिकार हैं और 20 फीसद ऐसे भी हैं जो 16 साल की उम्र से पहले ही नशे की आदत में शामिल हो जाते हैं। इन सब में 24 फीसद ऐसे हैं जो एक से अधिक किस्म के नशे करते हैं।
नशे के पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे परमर्श और पुनर्वास केंद्र से आए प्रतिनिधियों गौरव गोयल और गौरव ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी समसया यह है कि पुनर्वास केंद्रों से निकलने के बाद भी समाज नशा करने वालों को नहीं अपनाता इसलिए वे दोबारा नशे की दलदल में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि नशा करने वालों को अपनी समस्या तो नजर आती है लेकिन उसका समधान नहीं दिखता। नशा उनकी मजबूरी बन जाती है। इसलिए समाज को नज़रिया बदलने की जरूरत है।
आर्ट ऑफ लिविंग से आई तृप्ता शर्मा और प्रवीन ने कहा कि योग और ध्यान से भी परेशानिया कम होती हैं। उन्होंने स्कूलों के अन्दर योग और ध्यान की कक्षाएं शुरू करने का सुझाव दिया। प्रदेश विश्वविद्यालय से आई विधि संकाय की सहायक प्रोफेसर कुसुम चौहान ने कहा कि अध्यापक को अध्यापन के साथ-साथ छात्रों की गतिविधियों और आदतों पर भी ध्यान देना चाहिए और उन्हें परामर्श देते रहना चाहिए।
राज्य ज्ञान विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि नशे को समाज से खत्म करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। यह भी सही है कि अकेले सरकार या प्रशासन समाज को नशे से मुक्त नहीं कर सकता इसके लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करना चाहिए।
कोट पंचायत के प्रधान हीरानंद शाडिल्य ने कहा कि वह अपनी पंचायत को नशामुक्त करेंगी। वहीं, कलजार (मतियाना) पंचायत की प्रधान सुमित्रा चंदेल ने कहा कि पंचायत की भागीदारी से वे नशे के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगी। ------------------
अपराध में अब अमीर घरों के बच्चे भी आदर्श कारागार कंडा के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने कहा कि पहले यह समझा जाता था कि अपराध गरीबी और गरीब बस्तियों की उपज है, लेकिन अब यह अमीर और संपन्न घरों से संबंधित नशे में लिप्त बच्चों द्वारा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'मेरा अनुभव है कि साठ फीसद अपराध नशे की हालत में किए जाते हैं जब इंसान को अच्छे-बुरे की होश नहीं रहती।'
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