वन संपदा को आग लगाई तो सख्त कार्रवाई : जयराम
शिमला : प्रदेश में वनों को आग से बचाने के लिए वीरवार को जागरूकता अभियान का आगाज किया
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में वनों को आग से बचाने के लिए वीरवार को जागरूकता अभियान का आगाज हो गया। यह अभियान एक पखवाड़े तक चलेगा। इसकी शुरुआत शिमला से की गई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मौके पर दो तीव्र अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि जो भी जंगलों में आग लगाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। वनों में आग की घटनाओं में लिप्त पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे जागरूकता अभियान में बढ़ चढ़ कर भाग लें। लोग घास की अधिक पैदावार के उद्देश्य से वनों को न जलाएं। वनों को आग लगाने के प्रयास से घास की बढ़ोतरी की अवधारणा भी सही नहीं है। हमें वन क्षेत्रों को संरक्षित रखना चाहिए। सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता अभियानों से आग की घटनाओं पर रोक लग सकती है।
त्वरित वन अग्निशमन बल में 1900 स्वंयसेवक
त्वरित वन अग्निशमन बल में 1900 स्वयंसेवी सदस्य शामिल किए हैं। ये लोगों को जागरूक करेंगे। अभियान के दौरान पैदल एवं साइकिल रैलिया, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग, नारा लेखन और प्रदर्शिनया आयोजित की जाएंगी।
नियमावली का विमोचन
मुख्यमंत्री ने अभियान की मुख्य विशेषताओं वाली नियमावली का भी विमोचन किया। वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि जागरूकता अभियान 16 से 27 मार्च तक दो रूटों पर एक साथ चलाया जाएगा। पहला रूट कागू-सुकेत-जयदेवी-जरी-जोगेंद्रनगर -बैजनाथ-चुवाड़ी-चंबा-डलहौजी-देहरा और दूसरा रूट निरमंड-रामपुर-सुन्नी-अर्की- रामशहर-पावटा-धर्मपुर-सोलन होगा। दोनों वाहन जनजातीय जिला लाहुल को छोड़ अन्य जिलों में लोगों में जागरूकता पैदा करेंगे।
रिज पर आयोजित हुई दौड़
वन विभाग ने सुबह शिमला के रिज मैदान में दौड़ का आयोजन किया। इसमें विभिन्न स्कूलों, वन अधिकारियों, स्थानीय लोगों ने भाग लिया। वन मंत्री ने दौड़ को हरी झडी दिखाई। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी, कई विधायक, प्रधान मुख्य अरण्यपाल डॉ. जीएस गोराया समेत अधिकारी मौजूद रहे।
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आवास सुविधा के लिए 150 करोड़ : कंवर
राज्य ब्यूरो, शिमला : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सरकार गावों का समग्र विकास सुनिश्चित करेगी। अगले वित्त वर्ष के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना में 42 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। इसके तहत सामान्य श्रेणी के बीपीएल परिवारों को आवास सहायता प्रदान की जाएगी। प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाले आवासों के पुनर्निर्माण के लिए इस योजना के तहत धनराशि खर्च की जाएगी।
गांवों में होगा कचरा प्रबंधन
प्रदेश सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन को लागू करने पर ध्यान देगी। पाच वर्ष के दौरान मनरेगा, स्वच्छ भारत के संसाधनों के उपयोग से पूरे प्रदेश में ठोस, तरल कचरा प्रबंधन की प्रभावी व्यवस्था स्थापित की जाएगी। सूखे की स्थिति को देख आगामी वित्त वर्ष के दौरान मनरेगा के तहत रोजगार की संख्या को 100 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने का प्रावधान किया है। अतिरिक्त दिनों पर आए व्यय का वहन प्रदेश सरकार करेगी। स्वयं सहायता समूहों को और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उनके रिवॉल्विंग फंड को मौजूदा 25,000 से बढ़ाकर 40,000 रुपये किया गया है।