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नौ साल से नहीं बढ़ा मिड डे मील वर्करों का मानदेय

मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन (संबंधित सीटू) की ब्लॉक इकाई रामपुर की बैठक रामपुर में हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 04:37 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 04:37 PM (IST)
नौ साल से नहीं बढ़ा मिड
डे मील वर्करों का मानदेय
नौ साल से नहीं बढ़ा मिड डे मील वर्करों का मानदेय

संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन (संबंधित सीटू) की ब्लॉक इकाई रामपुर की बैठक स्थानीय विश्राम गृह में हुई। इसकी अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्ष गौतम सैन ने की।

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उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अच्छे दिनों का वादा कर सत्ता पर काबिज हुई थी। इसके बावजूद आज तक न तो भाजपा सरकार और न ही पूर्व की केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 के बाद मिड-डे मील वर्करों का मानदेय बढ़ाया है। पांच सितंबर को दिल्ली में हुई रैली के दबाव के कारण केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी व आशा वर्करों के वेतन में बढ़ोतरी की। लेकिन मिड-डे मील वर्करों का मानदेय एक रुपया भी न बढ़ाना उनके साथ अन्याय है। वर्ष 2012 में हुए 45वें श्रम सम्मेलन में तय हुआ था कि मिड-डे मील वर्करों को मजदूरों की श्रेणी में लाया जाएगा। उनके लिए न्यूनतम वेतन लागू कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा व मेडिकल की सुविधा दी जाएगी। लेकिन केंद्र सरकार मिड-डे मील योजना के बजट में लगातार कटौती कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना को बंद कर देना चाहती है। इसके बदले विद्यार्थियों के बैंक खाते में सीधे मिड-डे मील का पैसा भेजकर मिड-डे मील वर्करों का रोजगार छीनने का प्रयास हो रहा है।

वहीं, सीटू की क्षेत्रीय कमेटी के सचिव कुलदीप ने कहा कि नीति आयोग द्वारा दिल्ली में आयोजित बैठक में मिड-डे मील के बदले बच्चों को पैसे उपलब्ध करवाने पर चर्चा हुई थी। इस ओर कदम बढ़ाते हुए प्रयोग के तौर पर इसे लागू करना चाहिए। यदि प्रयोग सफल रहा तो इसे देशभर में लागू किया जाएगा। क्षेत्रीय कमेटी सदस्य आशु भारती ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मिड-डे मील वर्करों के मानदेय में 300 रुपये की बढ़ोतरी की है जो बहुत कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने मिड-डे मील वर्करों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी के साथ महंगाई बढ़ रही है, ऐसी स्थिति में मात्र 1800 रुपये महीने में गुजारा नहीं किया जा सकता है। मिड-डे मील वर्कर अपनी मांगों को लेकर 19 नवंबर को रैली निकाल कर केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे। यदि उनकी मांगें न मानी गई तो सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा। बैठक में पार्वती, सत्या देव, राम देवी, कमलेश, पार्वती देवी, बिमला, संतोष, आशा, सीता, संतोष कुमारी, पुष्पा, सुरेश कुमार आदि उपस्थित थे।


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