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एक लाख किसानों को 19.54 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के 1015

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 08:34 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 08:34 PM (IST)
एक लाख किसानों को 19.54 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति
एक लाख किसानों को 19.54 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के 101585 किसानों को 19.54 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति प्रदान की गई है। नौ जिलों में किसानों की फसलों को हुए नुकसान के लिए यह क्षतिपूर्ति की गई है। मुख्य फसलों गेहूं मक्की, धान व जौ को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है।

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योजना के तहत फसल का बीमा करवाने के लिए प्रीमियम दर बीमित राशि पर अधिकतम पांच फीसद है। मौसम आधारित फसलों के लिए खरीफ मौसम के लिए बीमित राशि के अनुसार प्रीमियम दर दो फीसद व रबी के मौसम के लिए 1.5 फीसद है। प्रीमियम दर यदि पांच फीसद से अधिक होती है तो राज्य व केंद्र सरकार 50-50 फीसद के अनुपात में वहन करेंगी। अगर किसान कम बारिश या प्रतिकूल मौसमी व्यवहार के कारण समय पर फसल की बिजाई नहीं कर पाते हैं तो भी लाभ मिलेगा।

प्रदेश में मुख्य फसलों के अलावा नकदी फसलों टमाटर, मटर, अदरक, लहसुन, शिमला मिर्च सहित मौसम आधारित नकदी फसलों को भी प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है। सोलन, बिलासपुर, शिमला, सिरमौर कांगड़ा, कुल्लू व मंडी जिलों के चुने हुए क्षेत्रों में टमाटर की खेती, सोलन, बिलासपुर व सिरमौर जिलों में अदरक की फसल और शिमला, किन्नौर, लाहुल स्पीति, मंडी, कुल्लू व चंबा जिलों में मटर की फसल को मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है। चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहुल स्पीति, मंडी, शिमला, सिरमौर व ऊना जिलों में आलू की फसल, कुल्लू व शिमला जिला के ठियोग में बंदगोभी की फसल और ठियोग व लाहुल स्पीति में फूलगोभी की फसल मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल है।

-------------- किसानों को क्षतिपूर्ति

जिला,किसान

बिलासपुर,8436

मंडी,1081

सिरमौर,1764

सोलन,2659

चंबा,3108

हमीरपुर,45875

कांगड़ा,22997

ऊना,15652

कुल्लू,13

------------ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ और रबी की फसलों को भी शामिल किया गया है। फसल कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसल यदि 14 दिन के भीतर भारी बारिश, चक्रवात, ओलावृष्टि व बेमौसमी बारिश के कारण खराब हो जाती है तो खेत स्तर पर ही आकलन कर क्षतिपूर्ति की जाती है।

वीरेंद्र कंवर, कृषि मंत्री


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