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अनियमित भवनों को राहत के लिए हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका

प्रदेश के हजारों अनियमित भवनों के नियमितीकरण के लिए जयराम सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 07:55 PM (IST)
अनियमित भवनों को राहत के लिए हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका
अनियमित भवनों को राहत के लिए हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के हजारों अनियमित भवनों के नियमितीकरण के लिए जयराम सरकार ने प्रदेश उच्च न्यायालय में रिव्यू पटीशन दायर की है। इसमें न्यायालय से ऐसे मकानों को राहत प्रदान करने की मांग की गई है। हालांकि अभी सुनवाई की उच्च न्यायालय में तिथि निर्धारित नहीं हुई है। गौर रहे कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने पूर्व सरकार द्वारा लाई गई पॉलिसी को खारिज कर दिया था। पूर्व वीरभद्र सरकार की 'जहां है जैसे है' नीति में राहत की मांग की थी। अब इसमें ठोस आधार रखा जाएगा जिससे न्यायालय से राहत मांगी जाएगी। इसमें सरकार की तरफ से कहा है कि लोगों ने अपनी जमीन पर मकान बनाए हैं लेकिन कुछ डेविएशन की है, जिसमें राहत प्रदान की जाए।

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पूर्व वीरभद्र सरकार के समय टीसीपी बिल में किए संशोधन पर प्रदेश उच्च न्यायालय में अधिवक्ता अभिमन्यु राठौर की याचिका पर सुनावाई के बाद रोक लगा दी गई थी। सरकार ने भवनों को नियमित करने के लिए लाई योजना के तहत किन्नौर और लाहुल स्पीति को छोड़ बाकी सभी जिलों से आवेदन किए गए थे। प्रदेश के सभी जिलों में सबसे ज्यादा आवेदन शिमला से आए हैं।

8782 भवन मालिकों ने किया है नियमितीकरण को आवेदन

प्रदेश में 8782 भवन मालिकों ने अपने भवनों को नियमित करने के लिए पूर्व में लाई गई पॉलिसी के तहत आवेदन किया है। इसमें से 8494 भवनों के मामले अभी लंबित हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रदेश उच्च न्यायालय में राहत के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की है।


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