हिमाचल में फलदार पौधों की कटिंग-प्रूनिंग के बाद अवशेष जलाने पर पाबंदी
हिमाचल प्रदेश की एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए जारी किया निर्देश।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश में फलदार पौधों की कटिंग-प्रूनिंग के बाद अवशेष जलाने पर सरकार ने पाबंदी लगा दी गई है। यह निर्देश प्रदेश की एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी ने बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जारी किया है। यही नहीं, वैज्ञानिक अब कोहरा पड़ने पर धुआं करने की सलाह भी नहीं दे सकेंगे। कृषि और बागवानी विभाग के अधिकारी व वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर पेड़-पौधों की टहनियों व पत्तों से खाद बनाने की विधि बताएंगे। आदेश का उल्लंघन करने वालों को पहले जागरूक करने पर ही जोर रहेगा। उन्हें इससे वातावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे जानकारी दी जाएगी। इस संबंध में कार्रवाई करने का आदेश में उल्लेख नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पौधों की कटिंग-प्रूनिंग के बाद टहनियों व पत्तों को जलाया जाता है। बागवान वर्षों से इसी प्रक्रिया को अपना रहे हैं। साथ ही भवन सामग्री को वाहन में खुले तौर पर लाने पर भी जल्द पाबंदी लग सकती है। हिमाचल पथ परिवहन निगम को गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं को कम करने के लिए जल्द नए निर्देश जारी होंगे। सड़कें पक्की करने का निर्देश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के तहत एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सड़कें पक्की करने को कहा है। कच्ची सड़कों से धूल उड़ने से वायु बहुत अधिक प्रदूषित हो रही है।
आइआइटी कानपुर को रिपोर्ट के लिए नहीं दिए चार माह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने वायु प्रदूषण की रिपोर्ट बनाने के लिए चार माह का अतिरिक्त समय मांगा था। इसे देने से भी इन्कार कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसके आधार पर ही निर्देशों को जारी किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में फलदार पौधे की कटिंग-प्रूनिंग के बाद अवशेष को नहीं जलाने का आदेश दिया है। इस संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों में बागवानों व किसानों को जागरूक किया जाएगा।
-आरके प्रूथी, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।