रेजिडेंट डॉक्टर जमा करवाएं 10 लाख बैंक गारंटी
आइजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए प्रशासन ने कड़ा एलान जारी
जागरण संवाददाता, शिमला : आइजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए प्रशासन ने कड़ा एलान जारी किया है। वर्ष 2017-18 में जिन रेजिडेंट डॉक्टरों ने 10 लाख बैंक गारंटी राशि जाम नहीं करवाई है वे तीन माह के अंदर जमा करवाएं। आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. रवि ने बुधवार को अधिसूचना जारी की है कि मुख्य सचिव से हुई बातचीत के दौरान सत्र 2017-18 के लिए 10 लाख बैंक गारंटी राशि जमा करवानी होगी। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर कोई निर्णय जब तक नहीं होता तब तक पहले के नियम लागू होंगे।
हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर डॉक्टरों को समाधान निकालने का आश्वासन दे चुके हैं। आइजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी एमडी करने वाले डॉक्टरों की समस्या को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री से मिले थे। एसोसिएशन ने माग उठाई थी कि प्रदेश सरकार एमडी करने वाले डॉक्टरों से 10 लाख की गारंटी राशि बैंक में जमा न करवाई जाए। आरडीए अध्यक्ष डॉ. अजय जरियाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि मेडिकल कॉलेज में जो भी प्रशिक्षु डॉक्टर एमडी करने आते हैं उनके लिए सरकार ने पॉलिसी बनाई है कि वे पहले 10 लाख रुपये बैंक में जमा करवाएंगे। यह राशि सिक्योरिटी के रूप में बैंक में रखवाई जाती है। यदि एमडी करने के बाद पाच साल तक उन्होंने हिमाचल में नौकरी नहीं की तो वह जमा किए 10 लाख सरकार जुर्माने के तौर पर अपने पास रख लेगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि सभी प्रशिक्षु डॉक्टर इतने सक्षम नहीं होते हैं कि वे इतनी बड़ी राशि जमा करवा सकें, इसलिए सरकार यह नीति बंद करे। कहा कि कोई भी व्यक्ति इतना अमीर नहीं होता है कि वह पढ़ाई के लिए पहले 10 लाख रुपये की राशि गिरवी रखे। यदि एमडी करने के बाद कोई डॉक्टर हिमाचल में नौकरी नहीं करता है तो इसके लिए सरकार कोई नए नियम तैयार करे। ऐसे डॉक्टरों से जुर्माना या पैसे भी वसूले। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरडीए की बात सुनी और आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा। हालांकि आश्वासन के 24 घंटे बाद ही आइजीएमसी प्रशासन ने तीन महीने के अंदर 10 लाख बैंक गारंटी जमा करवाने के फरमान रेजिडेंट डॉक्टरों पर जारी कर दिए हैं।