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माता-पिता, समाज की सेवा जरूर करें

मनुष्य को सेवा से ही मोक्ष व संतोष मिल सकता है इसलिए सेवा करनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:36 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:15 AM (IST)
माता-पिता, समाज की सेवा जरूर करें
माता-पिता, समाज की सेवा जरूर करें

जागरण संवाददाता, शिमला : मनुष्य को सेवा से ही मोक्ष व संतोष मिल सकता है, इसलिए सेवा करनी चाहिए। माता-पिता की सेवा, बुजुर्गो की सेवा, समाज की सेवा सबसे उत्तम है। यही भगवान को प्राप्त करने का माध्यम है। अगर मन से सेवा की जाए तो मंजिल मिल ही जाती है। श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन वीरवार को घनाहट्टी में आचार्य गोवर्धन शास्त्री ने प्रवचन दिए। ध्रुव के प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि क्रोध सदैव विनाशकारी नहीं होता, क्रोध ऐसी शक्ति है जो सही कार्य की राह में हो तो सृजन भी करती है, विकास भी करती है। ध्रुव ने तो क्रोध से भगवान प्राप्ति कर ली थी। उन्होंने कहा कि हम जीना जानते हैं, मरना नहीं। जिस दिन मरना जान जाएंगे, मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। जीवन के अंत समय में ईश्वर का नाम लेते हुए, यह सांसारिक मोह माया त्याग देना ही सही तरीके से मरना है।

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कथा सप्ताह के दूसरे दिन बुधवार को उन्होंने राजा परीक्षित के जीवन और किस तरह उन्होंने अंतिम सात दिना श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करवा कर अपना व अन्य का उद्धार किया, इसका पूरा वृतांत सुनाया। उन्होंने कहा कि सत्य समाप्त हुआ तो सतयुग समाप्त हो गया, पवित्रता खत्म हुई तो त्रेता युग समाप्त हो गया, दया खत्म हुई तो द्वापर युग खत्म हो गया और अब कलियुग में केवल दान ही मनुष्य का उद्धार कर सकता है। लेकिन कलियुग में भी सत्य, पवित्रता, दया और दान, यह चारों जिस घर में होंगे वहीं सतयुग है।

23 अप्रैल तक घनाहट्टी में शिक्षाविद स्वर्गीय नरेंद्र लाल गुप्ता की स्मृति में प्रतिदिन एक से चार बजे तक आयोजित की जा रही इस कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। वीरवार को विधायक विक्रमादित्य, आइपीएस राजेश्वर ठाकुर भी शामिल हुए।


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