ठारी माता मंदिर में 15 साल बाद हुआ शांद महायज्ञ
धार चादना के अंगरऊ राजपूतों की कुलदेवी ठारी माता मंदिर में तीन दिन से
क्षितिज सूद, नेरवा
धार चादना के अंगरऊ राजपूतों की कुलदेवी ठारी माता मंदिर में तीन दिन से चल रहा शाद महायज्ञ मंगलवार को संपन्न हुआ। महायज्ञ में स्थानीय अंगरऊ राजपूतों के अलावा सिरमौर के अंगरऊ राजपूत, न्योल के जथरेऊ राजपूत, नेरवा व दिया के खश राजपूत व उत्तराखंड के जौनसार बाबर क्षेत्र के आठ हजार से अधिक लोगों ने भाग लेकर मा ठारी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
मंदिर के पुजारी हरी चंद शर्मा ने बताया कि मां के मंदिर में अंगरऊ राजपूतों व क्षेत्रवासियों की सुख समृद्धि, वंश वृद्धि व धन धान्य वृद्धि के उद्देश्य से प्रत्येक 12 साल के बाद शांद महायज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह आयोजन 15 साल बाद किया गया है। माता के मंदिर के निर्माण कार्य के कारण महायज्ञ के आयोजन में तीन साल की देरी हुई। मंदिर इसी वर्ष बनकर पूरा हुआ है। इस अवसर पर धार चादना से आए शाठी कौरवों के वंशज व पाशी पांडवों के वंशज ने पाशी राजपूतों के लिए लिम्बर देवगान भी किया। पुजारी हरी चंद शर्मा ने बताया कि अंगरऊ वंश का इतिहास पांडव काल से अस्तित्व में है व उसी समय से मा शीतला स्वरूप ठारी माता का यह वंश अपनी कुलदेवी के रूप में पूजन करता है।