बहनों ने की भाइयों के लिए खरीदारी
रक्षाबंधन पर जहा भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।
संवाद सूत्र, शिमला : रक्षाबंधन पर जहा भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। वहीं भैया दूज पर बहनें अपने भाइयों को उपहार देती हैं। भैया दूज पर बाजार में बहनों ने वीरवार को खरीदारी की। सामर्थ्य अनुसार बहनों ने उपहार स्वरूप कपड़े, चांदी के सिक्के व पेन और सोने की अंगूठी आदि खरीदी। महाशय ज्वेलर शोरूम के मालिक कपिल महाशय ने बताया कि महिलाएं भाई को उपहार देने के लिए खरीदारी करने के लिए आ रही है और वे ज्यादातर अंगूठी या चादी के ब्रेसलेट, पेन ही खरीद रही हैं। संजौली की रहने वाली मंजू ने अपने भाइयों के लिए स्वेटर खरीदे। वह अपने दोनों भाइयों अनिल व विनोद को तिलक लगा कर अखरोट आदि के साथ उपहार देंगी।
जाखू में रहने वाली सीए की छात्रा आंचल शर्मा ने भी अपने भाई को स्वेटर ही ली है। उन्होंने बताया कि सर्दी का मौसम है तो भाई को स्वेटर एक बेहतर तोहफा है।
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भैया दूज के लिए बाजार में रही चहल-पहल
जागरण संवाददाता, शिमला : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भैया दूज पर्व मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। इस वर्ष यह त्योहार नौ नवंबर को मनाया जा रहा है। बहनें भाई का शुक्रवार दोपहर एक बजकर 10 मिनट से तीन बजकर 27 मिनट तक तिलक कर सकती हैं। भैया दूज दिवाली के बाद आने वाला ऐसा पर्व है जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है। भैया दूज के लिए राजधानी शिमला के बाजारों में काफी चहल-पहल है।
आचार्य मस्तराम शर्मा ने बताया कि यम देवता ने अपनी बहन यमी (यमुना) को इसी दिन दर्शन दिया था। अपने घर में भाई यम के आगमन पर यमुना ने उसकी आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन यदि भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे तो उनकी मुक्ति हो जाएगी। इसी कारण इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है।