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अब खूब बरसेंगे बादल, अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना

कुल्लू जिला के औट-सैंज मार्ग पर पागलनाला में शुक्रवार सुबह भारी मलबा आने से सड़क दलदल में बदल गई।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 12:05 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 04:11 PM (IST)
अब खूब बरसेंगे बादल, अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना
अब खूब बरसेंगे बादल, अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना

शिमला, जेएनएन। हिमाचल में शुक्रवार को कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। बारिश से ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर व मंडी जिलों में पटरी से उतरा जनजीवन सामान्य नहीं हुआ है। कई स्थानों पर मार्ग शुक्रवार को भी अवरुद्ध रहे। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में 21 से 24 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है।

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पागल नाला हुआ पागल

कुल्लू जिला के औट-सैंज मार्ग पर पागलनाला में शुक्रवार सुबह भारी मलबा आने से सड़क दलदल में बदल गई। इस कारण करीब 10 घंटे तक मार्ग पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध रही। शुक्रवार सुबह पांच से 11 बजे तक सैकड़ों वाहन मार्ग पर फंसे रहे। मार्ग अवरुद्ध होने से दो दूल्हे भी बरात सहित कई घंटे तक जाम में फंसे रहे। रास्ता खुलता न देख दोनों बरात में शामिल लोगों और दूल्हों ने पैदल ही नाले को पार किया।  

खड़ामुख-होली सड़क पर चट्टानें गिरी 

खड़ामुख-होली सड़क पर वीरवार रात एक बजे लूहणी के पास मलबा व चट्टानें गिरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। लोक निर्माण विभाग के मजदूरों ने जेसीबी से शुक्रवार दोपहर दो बजे मार्ग बहाल किया। वहीं, चुराह घाटी की बघेईगढ़ पंचायत के कंगेला नाले में तीन दिन पहले बादल फटने से बंद हुए मार्ग को भी लोक निर्माण विभाग ने छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है।

मंडी में बरसात से 11 करोड़ रुपये का नुकसान

जिला मंडी में इस माह अब तक बरसात से करीब 11 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को उठाना पड़ा है। जिला में अभी रुक-रुक कर बारिश हो रही है। कम बारिश होने से जिला में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है। अधिकतर खड्डों व नालों में अभी पानी की आवक कम है। बावजूद इसके नुकसान का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

जिले में इस माह अभी तक छह मकान बारिश की भेंट चढ़ गए हैं, जबकि चार गोशालाएं बारिश की वजह से जमींदोज हो गई हैं। अन्य जिलों की अपेक्षा मंडी जिला में अभी कम बारिश हुई है। बावजूद इसके लोक निर्माण विभाग व विद्युत बोर्ड को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। सुकेती समेत अन्य खड्डें अभी उफान पर नहीं आई हैं। बारिश न होने से कई क्षेत्र सूखे की चपेट में आ गए हैं। खेतों में धान व मक्की की फसल मुरझाने लगी है। कई जगह डंगे गिरने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जोगेंद्रनगर उपमंडल में लोक निर्माण विभाग को अभी तक सबसे अधिक नुकसान हुआ है। विद्युत बोर्ड को भी नुकसान उठाना पड़ा है। बारिश व हवा के झोंके से पेड़ गिरकर बिजली लाइनें व खंभे टूट गए हैं।


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