हिमाचल में बारिश और बर्फबारी से कृषि व बागवानी को मिली संजीवनी
snowfall. हिमाचल में बारिश व बर्फबारी से कृषि व बागवानी को संजीवनी मिली है। इससे इस साल कृषि व बागवानी में रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में पिछले साल सूखे जैसी स्थिति के कारण कृषि व बागवानी प्रभावित होने के बाद नववर्ष में बारिश व बर्फबारी ने किसानों व बागवानों के चेहरों पर रौनक ला दी है। बारिश व बर्फबारी से कृषि व बागवानी को संजीवनी मिली है। इससे इस साल कृषि व बागवानी में रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है।
प्रदेश में हर साल करीब चार हजार करोड़ रुपये के सेब कारोबार के लिए भी बर्फबारी वरदान साबित हुई है। ताजा बर्फबारी से सेब की फसल के लिए जरूरी चिलिंग आवर पूरे होने की उम्मीद है। सेब की बेहतर पैदावार के लिए बगीचे में 72 घंटे तक बर्फ का जमा रहना जरूरी होता है। फलों व रबी की फसलों सहित सब्जियों के लिए भी बर्फबारी अमृत समान मानी जा रही है। गत चार वर्षों से प्रदेश में बारिश तो खूब हुई लेकिन लगातार बर्फबारी में गिरावट आ रही थी।
इसका सीधा असर फलों व कृषि उत्पादन पर होने से करोड़ों रुपये की आर्थिकी प्रभावित हुई थी। लेकिन इन दिनों हुई बर्फबारी व बारिश प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करेगी। पिछले साल सूखे जैसी स्थिति के कारण प्रदेश के करीब 60 फीसद जलस्रोत प्रभावित हुए थे। बारिश व बर्फबारी से इन स्रोतों के जलस्तर में सुधार होने की उम्मीद है।
जानें, कब कितना हुआ हिमाचल में सेब उत्पादन
वर्ष, पेटियां
2010,4.46
2011,1.38
2012,2.6
2013,3.69
2014,3.12
2015,3.88
2016,2.34
2017,2.75
2018,1.48
(पेटियां करोड़ में, एक पेटी में करीब 25 किलोग्राम सेब)
सेब के लिए चिलिंग आवर पूरे होने की संभावना
बर्फबारी व बारिश सेब और अन्य फलों के उत्पादन के लिए बेहतर व अमृत के समान है। बर्फबारी से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर पूरे होने के साथ इस बार उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है।
-एमएल धीमान, निदेशक, बागवानी विभाग।
लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद
बर्फबारी व बारिश रबी की फसलों व सब्जियों के लिए लाभदायक है। इस वर्ष रबी फसलों में गेहंू व जौ का उत्पादन 7.72 लाख टन, दालें 46 हजार टन, आलू 36 हजार टन, सब्जियां 6.35 लाख टन और तिलहनों का 2.75 हजार टन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब उत्पादन लक्ष्य से ज्यादा होने की उम्मीद है।
-डॉ. देसराज शर्मा, निदेशक, कृषि विभाग।