पठानकोट से जोगेंद्रनगर के लिए दौड़ेगी बड़ी रेल
केंद्र सरकार ने बजट में देश की सभी नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज करने का एलान किया है।
बजट में सामरिक दृष्टि से अहम रोहतांग सुरंग को अगले वर्ष तक पूरा करने की बात कही गई है, वहीं पठानकोट-जोगेंद्रनगर नैरोगेज रेललाइन को ब्रॉडगेज किया जाएगा। केंद्र सरकार ने बजट में देश की सभी नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज करने का एलान किया है। हिमाचल के तीन हजार परिवारों के घर-द्वार तक सड़क सुविधा पहुंचाने के लिए बजट का प्रावधान किया है। इसमें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण में प्रदेश के सभी गांवों तक सड़क से जुड़ जाएंगे।
अभी तक प्रदेश में डेढ़ सौ से दो सौ आबादी वाले गांवों तक सड़क सुविधा नहीं है। बजट में प्री नर्सरी से जमा दो तक एक नीति लागू करने की बात भी गई है। इससे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। दूसरी ओर प्रदेश में चीन सीमा तक सड़क बनाने को भी मंजूरी दे दी है। बजट में कारपोरेट कर की सीमा में 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये करने
की घोषणा की है। इससे अब 250 करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत कर देना होगा। प्रदेश ऐसे करीब दो सौ उद्योग हैं जिनका सालाना टर्न ओवर 250 करोड़ रुपये है। दूसरी ओर नए कर्मचारियों के ईपीएफ में सरकार द्वारा 12 फीसद अशंदान की घोषणा भी की है।
1926 में हुआ था निर्माण
अंग्रेजों के सहयोग से जोगेंंद्रनगर के तत्कालीन राजा जोगिंद्र सेन ने 1926-1929 के दौरान शानन में एशिया के पहले पन बिजली पावर हाउस का निर्माण करवाया। पावर हाउस के निर्माण के लिए ब्रिटेन से भारी मशीनें लाने के लिए ही पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेललाइन का निर्माण किया गया था। 1929 के बाद से अब तक रेल की पटरी एकइंच भी आगे नहीं सरक पाई है। बजट में सभी नैरोगेज रेललाइन को ब्राडगेज करने की घोषणा से अब इस रेलवे ट्रैक की उम्मीद बंधी है।
164 किलोमीटर लंबे रेललाइन पर दो टनल आती हैं। एक टनल 250 फुट जबकि दूसरी 1000 फुट लंबी है। पठानकोट रेलवे स्टेशन की ऊंचाई 383 मीटर तथा जोगेंद्रनगर की 1184 मीटर है। इस रेल लाइन पर ऐहजू रेलवे स्टेशन सबसे अधिक 3901 फुट की ऊंचाई पर है।
इस रेलमार्ग पर कुल 933 पुल व 484 मोड़ आते हैं। पिछड़े जिलों में शामिल चंबा की उम्मीदों को पंख केंद्र सरकार ने देश के 115 सबसे पिछड़े हुए जिलों के विकास के लिए विशेष प्रावधानों का ऐलान किया है। इससे चंबा जिला के विकास की उम्मीदों को पंख लग गए हैं व बेहतर भविष्य की आस जगी है। प्रदेश सरकार ने चंबा जिला सर्वाधिक पिछड़ा जिला की श्रेणी में लाए जाने की मांग कर रहा था।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
केंद्रीय बजट 2018 में आलू, प्याज, टमाटर सहित अन्य नकदी फसलों के उत्पादकों के लिए 500 करोड़ की लागत से ऑपरेशन ग्रीन योजना चलाने निर्णय लिया है। इससे प्रदेश में मौसमी नकदी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा तो मिलेगा ही साथ राज्य के शिमला, सोलन तथा सिरमौर जिला के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। दूसरी ओर सिंचाई के क्षेत्र में पिछड़े जिलों के लिए 2600 करोड़ लागत की हर खेत को पानी 'ग्राउंड ईरीगेशन स्कीम' को शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे सिरमौर तथा सोलन जिले के किसानों की खेती की भूमि सिंचित होगी।
स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने को नई नीति
केंद्र सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए नई नीति लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी से लेकर जमा दो तक एक ही शिक्षा नीति रहेगी यानी प्रदेश में चल रही केंद्र की एसएसए, आरएमएए योजना बंद हो जाएगी और एक ही नीति चलेगी। बजट में राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में नवोदय विद्याला की तर्ज पर एकलव्य विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। इससे हिमाचल प्रदेश के सुदूर जनजातीय किन्नौर, लाहुल स्पीति, भरमौर और पांगी में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी, जिससे यह बच्चे भी अन्य क्षेत्रों के बच्चों से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। यह प्रदेश शिक्षा विभाग पर भी लागू होगा।
क्रेडिट कार्ड योजना से प्रदेश के लाखों पशुपालकों को मिलेगा लाभ केंद्र सरकार ने पशुपालकों और मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के दायरे में लाने का एलान किया है। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लाखों को फायदा पहुंचेगा। प्रदेश में करीब 13 लाख करीब परिवार हैं जिन्होंने पशु पाल रखे हैं। पशुपालन विभाग के पास करीब 50 लाख पशु पंजीकृत हैं।
पशुपालकों के क्रेडिट कार्ड योजना में शामिल होने के बाद पशुपालक वे सारी सुविधाओं का लाभ उठाएंगे जो वर्तमान में प्रदेश का किसान उठा रहा है। यदि कोई किसान डेरी लगाना चाहता है तो वह किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से किसी भी बैंक से ऋण ले सकता है। यह सब सुविधा प्रदेश का मछली पालक भी ली सकेगा। केंद्र सरकार ने उसे भी इस कार्ड योजना के दायरे में ला दिया है। इससे प्रदेश के करीब 13 हजार मछली पालकों को लाभ होगा।
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