सीएम हेल्पलाइन के मुख्यालय में सुरक्षाकर्मी से उलझे दो युवक
लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की मुसीबत से बचाने के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन मुख्यालय पर गुस्साए दो युवक पहुंच गए। टुटीकंडी बाईपास पर नगर निगम की बहुमंजिला इमारत में हेल्पलाइन कार्यालय में शहर के उप-नगर संजौली का एक युवक पहुंच गया। होमगार्ड सुरक्षा कर्मी से उलझ गया। उस युवक का कहना था कि संजौली में वर्षा शालिका की खस्ताहालत को ठीक करने की मांग की थी। आठ दिन गुजर जाने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी तरह से खुद को हाईकोर्ट का कर्मचारी बताने वाला व्यक्ति हेल्पलाइन
राज्य ब्यूरो, शिमला : लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने से बचाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन के शिमला स्थित मुख्यालय पर गुस्साए दो युवक पहुंच गए। ये युवक वहां कार्यरत सुरक्षाकर्मी से उलझ पड़े। युवक सुरक्षाकर्मी से हेल्पलाइन में कार्यरत कर्मचारियों से बात करवाने की मांग पर अड़े थे।
टूटीकंडी बाईपास पर नगर निगम शिमला की बहुमंजिला इमारत में हेल्पलाइन कार्यालय में बुधवार को शहर के उपनगर संजौली का एक युवक पहुंच गया। यह युवक सुरक्षाकर्मी से उलझ पड़ा। युवक ने कहा कि उसने हेल्पलाइन पर संजौली में खस्ताहाल वर्षाशालिका को ठीक करने की मांग की थी। आठ दिन गुजर जाने के बाद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी तरह खुद को हाईकोर्ट का कर्मचारी बताने वाले युवक ने हेल्पलाइन के दरवाजे पर पहुंच कर सुरक्षाकर्मी से संबंधित व्यक्ति से बात करवाने की मांग की जो शिकायत सुनता है। उसने कहा कि न्यू आइएसबीटी में नलों की टोंटियां टूटी हैं। नई टोंटियां नहीं लगाई जा रही हैं। दोनों युवकों को समझाकर वहां से भेजा गया लेकिन सुरक्षा के लिहाज से सवाल खड़ा हो गया है। हेल्पलाइन केंद्र में बड़ी संख्या में महिलाएं कार्यरत हैं जबकि सुरक्षा का दायित्व होमगार्ड के पास है। कई लोगों को मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन को लेकर जानकारी नहीं है कि वहां केवल सरकार की ओर से दी जा रही सेवाओं में यदि कमी है तो उसकी शिकायत की जा सकती है। ऐसी शिकायतों को संबंधित विभाग सुधार कर शिकायतकर्ता को संतुष्ट कर सकेगा। इसके बावजूद कई लोगों द्वारा हेल्पलाइन पर वित्तीय प्रावधान वाले मामले भी उठाए जा रहे हैं। हेल्पलाइन में कानून से संबंधित व अदालती मामले, बजट आवंटित करने से जुड़े मामले और नौकरी नहीं मांगी जा सकती है।
-------- यह चिता का विषय है। हेल्पलाइन परिसर में दाखिल होने की जरूरत नहीं है। वहां केवल फोन पर शिकायत दर्ज करवाने की व्यवस्था है। हेल्पलाइन केंद्र से संबंधित विभाग के माध्यम से शिकायत का समाधान करने के लिए मामला भेजा जा सकता है।
- किशोर शर्मा, प्रबंधक, मुख्यमंत्री आइटी सल
---------- हेल्पलाइन केंद्र एक निजी संस्थान है जहां कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता है। एक फोन पर शिकायतों का निपटारा करने का प्रयास किया जा रहा है। हेल्पलाइन केंद्र में जाने की जरूरत नहीं है। इस प्रकार का दुर्व्यवहार करना गलत है। इस सेवा का सही तरीके से लोग लाभ उठाएं।
-रोहन चंद ठाकुर, निदेशक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग।
दो घंटे में खुला जाम
कच्ची घाटी में वीरवार दोपहर बाद यातायात जाम लगा था। पवन शर्मा नामक व्यक्ति ने जाम में दो एंबुलेंस फंसी देखकर सीएम हेल्पलाइन के 1100 नंबर पर फोन किया। इस पर बालूगंज थाना से पुलिस की टीम पहुंची और जाम खुलवाया। यातायात जाम दो घंटे में खुल गया। सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि एंबुलेंस समय पर अस्पताल पहुंच गई। पवन शर्मा ने हिमाचल सरकार का त्वरित सेवा के लिए धन्यवाद किया। वहीं, मुख्यमंत्री आइटी सेल ने पवन शर्मा की तत्परता को सराहा। 938 शिकायतों का निपटारा
मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन पर वीरवार तक 29915 फोन आए हैं। इनमें से 8924 शिकायतें हैं। वहीं, 938 शिकायतों का निवारण किया गया है। इसके अलावा 2043 फोन कॉल में मांग और सुझाव दिए गए हैं।