थानों में नियुक्त होंगे प्रोफेशनल काउंसलर
घरेलू हिसा के मामलों में अब पुलिस सीधे एफआइआर दर्ज नहीं करेगी। ऐसे मामलों की पहले काउंसलिग की जाएगी। इस दिशा में राज्य पुलिस गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। इसका मकसद परिवारों को तोड़ने की बजाय जोड़ना रहेगा। इसी सिलसिले में राज्य महिला आयोग भी नई पहल करेगा। आयोग ने प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें थानों जिलों में प्रोफेशनल काउंसलर नियुक्त करने की बात कही गई है। इसे लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग से काउंसलर नियुक्त करने की अनुशंसा की गई है। अगर प्रस्ताव सिरे चढ़ा तो फिर हिमाचल के महिला समेत सभी थानों में काउंसलर तैनात होंगे। घरेलू हिसा के मामले पहले इनके हवाले होंगे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। अभी तक शिकायत के आधार पर केस दर्ज होता है। महिला प्रताड़नाओं के मामलों की रोकथाम के लिए अब नए कदम उठाए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, शिमला : घरेलू हिसा के मामलों में अब पुलिस सीधे एफआइआर दर्ज नहीं करेगी। ऐसे मामलों में पहले काउंसिलिंग की जाएगी। इस दिशा में राज्य पुलिस कार्य कर रही है। इसका मकसद परिवारों को तोड़ने की बजाय जोड़ना है। इसी सिलसिले में राज्य महिला आयोग भी पहल करेगा।
आयोग ने प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें थानों व जिलों में प्रोफेशनल काउंसलर नियुक्त करने की बात कही गई है। इसे लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग से काउंसलर नियुक्त करने की अनुशंसा की गई है। अगर प्रस्ताव सिरे चढ़ा तो फिर हिमाचल के महिला थाना समेत सभी थानों में काउंसलर तैनात होंगे। घरेलू हिसा के मामले पहले इनके हवाले होंगे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। अभी तक शिकायत के आधार पर केस दर्ज होता है। महिला प्रताड़नाओं के मामलों की रोकथाम के लिए अब नए कदम उठाए जाएंगे। उधर, शिमला में महिला सुरक्षा पर पांच दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। इसमें भी काउंसिलिंग का मामला प्रमुखता से उठा। कार्यशाला में उठे महिला प्रताड़ना व सुरक्षा से जुड़े मामले
महिला सुरक्षा विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला अभियोजन निदेशालय शिमला द्वारा आयोजित की जा रही है। इसका शुभारंभ सोमवार को हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने किया। कार्यशाला में प्रदेश के जिला न्यायवादी, उप जिला न्यायवादी और सहायक जिला न्यायवादियों को महिला प्रताड़ना व सुरक्षा से जुड़े मामलों जैसे शारीरिक शोषण, पीड़िता को मुआवजा, गवाहों की सुरक्षा, साइबर क्राइम, फॉरेंसिक साइंस, महिला तस्करी सहित अन्य विभिन्न मामलों की जानकारी दी गई। दक्षता से हो जांच : डेजी ठाकुर
डॉ. डेजी ठाकुर ने कहा कि महिलाओं से जुड़े विभिन्न मामलों की जांच विभिन्न जांच एजेंसियों को पूर्ण दक्षता से करनी चाहिए। समाज में महिला प्रताड़ना, घरेलू हिसा जैसे मामले बढ़ रहे हैं जिन पर अंकुश लगाने के लिए समाज में जागरूकता लाना जरूरी है। जागरूकता से ही ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश प्रताड़ित होने वाली महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी नहीं होती है। इस कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है। ऐसी स्थिति में महिलाओं का जागरूक होना और उन्हें अपने अधिकारों का ज्ञान होना जरूरी है। इसमें जिला न्यायवादी, उप जिला न्यायवादी और सहायक जिला न्यायवादी मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। वहीं, अभियोजन विभाग के निदेशक एनएल सेन ने कहा कि कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को 12 फरवरी को फॉरेंसिक साइंस की जानकारी दी जाएगी।