नियामक आयोग के दायरे में नहीं आएंगे निजी स्कूल
हिमाचल में निजी स्कूल फिलहाल निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के द
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल में निजी स्कूल फिलहाल निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के दायरे में नहीं आएंगे। इसका कारण कानूनी अड़चने हैं। प्रदेश सरकार स्कूलों की फीस पर निगरानी के लिए अलग से एक्ट बनाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मंगलवार को राज्य सचिवालय में निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए बैठक भी हुई। सूत्रों के मुताबिक सरकार देश के अन्य राज्यों जैसे गुजरात, पंजाब, राजस्थान के पैटर्न को भी खंगालेगी। इसमें देखा जाएगा कि निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए क्या नियम बनाए हैं।
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण करने का वादा प्रदेश की जनता से किया था। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि निजी स्कूलों को इसके दायरे में लाने के लिए अलग से एक्ट लाना होगा। फिलहाल आयोग के तहत निजी स्कूलों को नहीं लाया जा सकता है।
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शिक्षा विभाग ने भी भेजा है प्रस्ताव
शिक्षा विभाग ने भी निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है। तर्क दिया गया है कि इसके लिए जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया जाए। कमेटी में शिक्षा उपनिदेशक, निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए, ताकि स्कूलों को लेकर कोई भी शिकायत आती है तो उसका निपटारा जिला स्तर पर ही हो सके।
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निजी विश्वविद्यालयों की फीस तय करने पर मंथन
नए शैक्षणिक सत्र को लेकर निजी स्कूलों की फीस तय करने के लिए राज्य सचिवालय में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने की। बैठक में निजी विश्वविद्यालयों में नए कोर्सो की क्या फीस रहेगी, पुराने कोर्स चल रहे हैं उनकी फीस क्या होगी, इसमें कितनी फीस बढ़ाई जाएगी, इसका प्रारूप तय किया गया है। जल्द ही इस पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।