Move to Jagran APP

नया शैक्षणिक सत्र शुरू होती ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू

नया शैक्षणिक सत्र होते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू हो गई है। राजधानी शिमला ज्यादातर स्कूलों ने एडमिशन के साथ साथ बि¨ल्डग फंड स्कूल टैक्सी फेयर भी बढ़ा दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 08:30 PM (IST)
नया शैक्षणिक सत्र शुरू होती 
ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू
नया शैक्षणिक सत्र शुरू होती ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू

जागरण संवाददाता, शिमला : नया शैक्षणिक सत्र होते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू हो गई है। राजधानी शिमला ज्यादातर स्कूलों ने एडमिशन के साथ साथ बि¨ल्डग फंड, स्कूल टैक्सी फेयर भी बढ़ा दिया गया है। वर्दी, किताबों-कॉपियों के नाम पर भी अभिभावकों से कई जगह वसूली शुरू हो गई है कई जगह की जानी है। इस वर्ष कुछ निजी स्कूलों की फीस बुक में एक कॉलम मैंटिनेस का अलग से बनाया गया है। इसमें मेंटिनेस के नाम पर भी अभिभावकों से वसूली की जा रही है।

loksabha election banner

हालांकि मार्च-अप्रैल में फीस वसूली का सिलसिला चलता रहेगा। सरकार के तमाम दावों के बावजूद प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने की अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं है हर साल की तरह इस बार भी अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं।

10 रुपये का बैच 60 रुपये में

स्कूल वर्दी में लगने वाला स्कूल के नाम का बैच दुकानों ने 60 रुपये का मिल रहा है। दुकानें स्कूल द्वारा निर्धारित की गई हैं, जिससे अभिभावकों को यह अतिरिक्त पैसा देने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। कमोवेश स्थिति वर्दी की भी ऐसी ही है, जिसमें अभिभावकों से अतिरिक्त वसूली की जा रही है। 1500 रुपये तक का कोट स्कूल वर्दी का मिल रहा है जबकि दुकान में इसकी कीमत 800 रुपये है। कोर्ट में स्कूल का लोगों होने के कारण अभिभावकों को मजबूरी में चिह्नित दुकान से ही यह खरीदना पड़ रहा है।

हर साल बढ़ती है पांच से 10 फीसद फीस

निजी स्कूल हर साल पांच से 10 फीसद फीस हर साल बढ़ा देते हैं। ऐसे में अभिभावक भी परेशान हैं। बच्चों के भविष्य की ¨चता होने के चलते वे बिना विरोध किए स्कूल प्रशासन की इस मनमानी का शिकार हो रहे हैं।

स्कूल वर्दी और किताबों के नाम पर हो रही लूट

स्कूल टैक्सी किराये में कुछ स्कूलों की वृद्धि पांच फीसद तक है लेकिन अधिकांश 10 फीसद वृद्धि कर दी है। अभिभावकों से बातचीत पर पता चला कि शहर के अधिकांश स्कूलों ने ट्यूशन फीस में पांच हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। नतीजतन प्रति विद्यार्थी फीस का खर्च ही 50 हजार रुपये तक पहुंच गया है।

-----------------------

मनमानी रोकने में सब पिछड़े

स्कूलों की इस मनमानी को रोकने के लिए सरकार न किसी से हिसाब मांगती है और न ही कोई और पहल हुई है। नर्सरी के दाखिलों में कई जगह बि¨ल्डग फंड के नाम पर मनमानी राशि वसूली जा रह है।

चुनींदा दुकानों से करनी पड़ रही खरीददारी

अधिकांश निजी स्कूल मनमाने तरीके से सिर्फ फीस ही नहीं बढ़ा रहे, स्कूल ड्रेस और किताबों की खरीद में भी जमकर वसूली की जा रही है। चु¨नदा दुकानों से अभिभावकों को ड्रेस और किताबें लेने के एसएमएस किए जा रहे हैं। निर्धारित दुकानों से खरीद नहीं करने वाले अभिभावकों को स्कूल डायरी में बाकायदा नोट लिखकर भेजे जाते हैं। स्कूलों द्वारा तय चु¨नदा दुकानों में बाजार की अन्य दुकानों के मुकाबले अधिक कीमत पर ड्रेस और किताबें बेची जा रही हैं, जिसमें स्कूलों की कमीशन होती है।

------------------------

किसी भी अभिभावक की इस तरह की लिखित शिकायत अभी नहीं आई है। यदि आती है तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

अमित कश्यप, उपायुक्त शिमला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.