मनमर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे निजी स्कूल प्रबंधक
हिमाचल में चल रहे निजी स्कूल अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। निजी स्कूल प्रबंधक अभिभावकों को चिन्हित दुकान से किताबे कॉपियां और वर्दी खरीदने के लिए भी बाध्य नहीं कर पाएंगे। फीस बढ़ाने से पहले स्कूल प्रबंधन को सामान्य सभा बुलाकर शिक्षक अभिभावक संघ (पीटीए) के साथ विचार विर्मश करना होगा। शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले यह सामान्य सभा बुलानी होगी।
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल में निजी स्कूल प्रबंधक अब मनमर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। निजी स्कूल प्रबंधक अभिभावकों को चिह्नित दुकान से किताबें, कॉपियां और वर्दी खरीदने के लिए भी बाध्य नहीं कर पाएंगे। फीस बढ़ाने से पहले स्कूल प्रबंधन को आम सभा बुलाकर अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) के साथ विचार विमर्श करना होगा।
शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले आम सभा बुलानी होगी। किस कक्षा में कितनी फीस बढ़ाई जानी है, कब से यह फीस लागू की जाएगी, इस संबंध में अभिभावकों से आम सभा में विचार विमर्श किया जाएगा। इसके बाद फीस बढ़ाने का निर्णय लागू किया जाएगा। यह नियम हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली व द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आइसीएसई) नई दिल्ली से संबंद्धता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
सभी जिलों के शिक्षा उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों पर सख्ती से नजर रखें। यदि कोई स्कूल प्रबंधन नियमों की अवहेलना करते पाया जाता है तो ऐसे मामले को विभाग के ध्यान में लाया जाए। स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी एनओसी को रद कर दिया जाएगा। निजी स्कूलों में फीस का पूरा विवरण स्कूल के सूचना पट्ट पर दर्शाना होगा। किस कक्षा की क्या फीस होगी, कौन कौन सी किताबें कक्षा में पढ़ाई जाएंगी, इसकी जानकारी भी सूचना पट्ट पर दर्शाई जाएगी। स्कूल की फीस, फंड का पूरा विवरण सूचना पट्ट के अलावा स्कूल की वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगा। नहीं ले सकेंगे भवन व विकास निधि
निजी स्कूल में विद्यार्थियों से भवन निधि, विकास निधि व इन्फ्रास्ट्रक्चर निधि भी नहीं वसूली जा सकेगी। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए निर्धारित फीस व फंड का कक्षावार विवरण सामान्य सभा में पारित करवाने के बाद इसकी प्रति शिक्षा विभाग को भेजना भी अनिवार्य किया गया है। किसी भी दुकान से खरीदें कॉपी, किताबें व वर्दी
निजी स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कॉपी, किताबें, वर्दी व जूते खरीदने के लिए किसी दुकान को अधिकृत नहीं करेंगे। अभिभावक अपनी मर्जी से किसी भी दुकान से कॉपी, किताबें व वर्दी खरीद पाएंगे। स्कूल प्रबंधक विद्यार्थियों को स्कूल के प्रतीक चिह्न वाली किताबें व कॉपियां लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।
------------ निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण होगा
फीस के संबंध में स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षा उपनिदेशकों को निर्देश दिए हैं कि वे निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करें। यदि कोई नियमों की अवहेलना करते पाया जाता है तो स्कूल की एनओसी को रद कर दिया जाएगा।
डॉ. अमरजीत शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा