कंडा जेल से फरार तीनों कैदी गिरफ्तार
राजधानी शिमला स्थित आदर्श जेल कंडा से फरार तीनों विचाराधीन कैदियों को पुलिस ने दबोच लिया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : आदर्श जेल कंडा से फरार तीनों विचाराधीन कैदियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। नेपाली मूल के ये तीनों कैदी छह दिसंबर को जेल की ग्रिल काटकर फरार हो गए थे। तीनों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। शुक्रवार तड़के तीन बजे पुलिस ने एक कैदी प्रेम बहादुर (22) को सुबाथू के हरिपुर से गिरफ्तार किया। वहीं देर शाम को रडियाना गांव से लीलाधर (22) व प्रताप सिंह (27) भी धरे गए।
बुधवार सुबह चार बजे तीनों विचाराधीन कैदी कंडा जेल की ग्रिल काटकर फरार हो गए थे। इसके बाद शिमला और सोलन पुलिस ने सर्च अभियान चलाया था। वीरवार शाम को तीनों कैदियों को ममलीग में स्थानीय लोगों ने देखा था। वीरवार को दाड़ला, अर्की, कुनिहार क्षेत्रों में पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाया। देर रात पुलिस जवानों ने सुबाथू क्षेत्र का रुख किया। रात करीब डेढ़ पुलिस का दल गश्त कर रहा था तब पेट्रोल पंप के समीप था तभी कक्कड़हट्टी जाने वाले संपर्क मार्ग पर एक व्यक्ति को पैदल चलते देखा। संदेह होने पर उसे पकड़ा गया तो वह जेल से फरार कैदी प्रेम बहादुर निकला।
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आपसी झगड़े से फंसे तीनों
कैदी प्रेम बहादुर, लीलाधर और प्रताप जेल से भागने के बाद देर शाम हरिपुर के समीप पहुंचे थे। यहां तीनों ने कपड़े बदले। इनमें से प्रेम ने रास्ते में चल रहे एक व्यक्ति से सुबाथू की दूरी पूछी तो बताया गया कि 12 किलोमीटर है। उसने कैदियों से पूछा कि वे कौन हैं तो बताया गया कि मजदूर हैं और काम की तलाश में हैं। उस व्यक्ति को प्रेम पर शक हुआ और उसने पूछा कि आप जेल से तो नहीं भागे हैं। इस बार प्रेम ने पहले जवाब दिया नहीं, फिर बोला हम भागे हैं पर आप बताना मत। उस व्यक्ति ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दे दी। इसी बीच कुछ मीटर की दूरी पर जाने के बाद कैदी प्रताप और लीलाधर दोनों प्रेम से बहस करने लग गए कि उसने ऐसा क्यों बताया कि वे जेल से भागे हुए हैं। उन्होंने प्रेम को खूब पीटा। इसके बाद प्रेम ने उनके साथ जाने से इन्कार कर दिया और कहा वह वापस कंडा जाएगा और उन्हें भी पकड़वा देगा। शाम को वह रडियाणा गांव में ही छुपा रहा और रात को सड़क किनारे चलना शुरू किया तो डेढ़ बजे पुलिस को मिल गया। पूछने पर उसने अपना नाम संत राम बताया, लेकिन पुलिस ने जब फोटो देखी तो वह प्रेम बहादुर निकला। कुछ देर बाद प्रेम ने दोनों अन्य कैदियों के बारे में जानकारी दी। ये दोनों सुबाथू से कालका जाने की फिराक में थे, लेकिन रात होने का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच पुलिस और स्थानीय लोगों ने इन्हें ढूंढ़ना शुरू कर दिया। दोनों पहाड़ी पर बैठे थे। पुलिस और जनता ने घेरा डाला और एक को तुरंत दबोच लिया, जबकि दूसरा 15 मिनट बाद पकड़ में आया।
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जनता ने किया सहयोग
एसपी शिमला सौम्या और एसपी सोलन मोहित चावला के निर्देश पर शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुलवंत सिंह, सोलन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. मनमोहन सिंह व डीएसपी विद्या चंद नेगी सुबह से ही सुबाथू पहुंच कर घटनाक्रम पर नजर रख हुए थे। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व लोगों से भी संपर्क बनाने पर काफी इनपुट मिले। सायं करीब पाच बजे रडियाणा गाव के लोगों ने जंगल में दो लोगों के होने की सूचना पुलिस को दी और भारी संख्या में स्थानीय लोग पुलिस के जवानों व अधिकारियों के साथ जंगल की ओर रवाना हो गए।