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पानी की बर्बादी रोकेगा मोदी का मंत्र, पंचायतें बना रहीं कार्ययोजनाएं व सरकार चलाएगी अभियान Shimla News

जल संरक्षण अभियान पहली जुलाई से शुरू होगा। इसके तहत 3226 पंचायतों में पुराने जलस्रोतों को चिह्नित किया जाएगा और जल संपदा का पता लगाया जाएगा।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 08:37 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 08:37 AM (IST)
पानी की बर्बादी रोकेगा मोदी का मंत्र, पंचायतें बना रहीं कार्ययोजनाएं व सरकार चलाएगी अभियान  Shimla News
पानी की बर्बादी रोकेगा मोदी का मंत्र, पंचायतें बना रहीं कार्ययोजनाएं व सरकार चलाएगी अभियान Shimla News

शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल प्रदेश में अब पंच परमेश्वर जल का संरक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र पहाड़ों में पानी की बर्बादी रोकेगा। मोदी द्वारा पंचायत प्रधानों को लिखे पत्र का असर होना शुरू हो गया है। पंचायतें इस संबंध में अपनी कार्ययोजनाएं बना रही हैं। वहीं, सरकार ने तय किया है कि वह जुलाई से तीन महीने का विशेष अभियान चलाएगी। इसे जल संरक्षण अभियान का नाम दिया जाएगा। 

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जल संरक्षण अभियान पहली जुलाई से शुरू होगा। इसके तहत 3226 पंचायतों में पुराने जलस्रोतों को चिह्नित किया जाएगा। कहां नए जलस्रोत बनाए जा सकते हैं, इसकी संभावनाएं तलाशी जाएंगी। लोगों की भागीदारी से जल संपदा का पता लगाया जाएगा। बरसात  में इन स्त्रोतों का कैसे बेहतर रखरखाव किया जाएगा, इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनेगी। नए तालाबों व चेकडैम का निर्माण होगा और इनमें बारिश के पानी को एकत्र किया जाएगा। 

बारिश की हर बूंद का संचय करने की कोशिश की जाएगी। पहले भी तालाब कम नहीं बने हैं मगर अब इनकी प्रभावी देखरेख की जाएगी। जियो टैगिंग तकनीक से फर्जीवाड़े को रोका जाएगा। कागजों में ही बन रहे तालाबों के मामले में कड़ी निगरानी की जाएगी।


कहां से आएगा फंड

जल संरक्षण के लिए अलग फंड की व्यवस्था नहीं होगी। ग्रामीण विकास विभाग अपने संसाधनों से ही नए तालाबों व चेकडैम का निर्माण करेगा। मनरेगा के अलावा वाटरशैड स्कीमों व 14वें वित्त आयोग के पैसों का इस्तेमाल कि या जाएगा। 

दूसरा चरण भी चलेगा अभियान का

जल संरक्षण अभियान का दूसरा चरण भी चलेगा। तीन महीने तक पहले चरण के बाद अभियान नहीं थमेगा। इसके दूसरे चरण के लिए योजना बनाई जाएगी। मकसद यही होगा कि इसे उसी तरह जन आंदोलन बनाया जा सके जैसे स्वच्छता आंदोलन चलाया गया था। 

अभियान में रुचि ले रहे प्रधान

प्रदेश में 22 जून को विशेष ग्रामसभाएं हुई थीं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंचायत प्रधानों को लिखे पत्र को पढ़ा गया था। अब इसके आधार पर कार्रवाई होगी। जिन पंचायतों में यह पत्र नहीं पढ़ा जा सका, वहां इसे अगली बैठक में पढ़ा जाएगा। इस पत्र से प्रधान गदगद हैं। अहमियत मिलने से वे अभियान में रुचि ले रहे हैं।  

आंदोलन में तबदील किया जाएगा अभियान

प्रधानमंत्री के पत्र का कड़ा संज्ञान लिया गया है जिसमें जल संरक्षण का आह्वान है। इस अभियान को आंदोलन में तबदील किया जाएगा। पहले चरण में तीन महीने तक विशेष मुहिम चलाई जाएगी। सरकार अलग से पैसा नहीं देगी। पंचायतों को मौजूदा संसाधनों से ही नए तालाबों व बावड़ियों का निर्माण करना होगा। 

-वीरेंद्र कंवर, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री


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