हकीकत जानने जनजातीय क्षेत्रों का दौरा करेगा आयोग
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग यानी एनसीएसटी भारत सरकार ने हिमाचल में जनजातीय क्षेत्रों के विकास को लेकर समीक्षा और सरकारी आंकड़ों के आधार पर कार्यों की सराहना की।
राज्य ब्यूरो, शिमला : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने हिमाचल में जनजातीय क्षेत्रों के विकास को लेकर समीक्षा की सरकारी आंकड़ों के आधार पर कार्यो की सराहना की। शिमला में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. नंद कुमार साई ने बताया कि जमीनी हकीकत के लिए जल्द जिलों का दौरा किया जाएगा। उनका दौरा करने की योजना थी, लेकिन सड़कें बंद होने से ऐसा नहीं कर सके। हिमाचल में बेहतर विकास हो रहा है और यहां के मॉडल को अन्य राज्यों से साझा किया जाएगा।
हिमाचल सरकार के जनजातीय क्षेत्रों के विकास एवं उत्थान के लिए किए जा रहे उत्कृष्ट योगदान की उन्होंने सराहना की है। आयोग का प्रतिनिधमंडल दो दिवसीय दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से समीक्षा बैठक की। आयोग के अध्यक्ष ने सरकार से रसायनिक खादों एवं कीटनाशकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाकर फसल उत्पादन के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने हिमालय में पाए जाने वाले दुर्लभ औषधीय पौधों व जड़ीबूटियां की पहचान के लिए सर्वे करवाने का भी सुझाव दिया, ताकि इसके संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा सके। इन जड़ीबूटियों का संरक्षण व संवर्धन किया जाना चाहिए ताकि अगली पीढ़ी को भी इसके बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान की जा सके। जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले कर्मचारी व चिकित्सकों को 10 से 35 फीसद तक का विशेष भत्ता दिए जाने से जनजातीय क्षेत्रों में विकास को गति मिली है। आयोग ने खुशी जताई कि यहां जनजातीय लोगों पर अत्याचार के मामले और शिक्षा अधूरी छोड़ने वालों की संख्या करीब शून्य है।
मुख्य सचिव डॉ. बाल्दी ने आयोग को बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में हर वर्ग का समान विकास हो रहा है। प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार चंद शर्मा ने जनजातीय विकास विभाग की गतिविधियों से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में आयोग सदस्य हरी कृष्ण डामोर, हर्षदभाई चुनीलाल वासवा, संयुक्त सचिव सीसीर कुमार राठो, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार, प्रधान सचिव शिक्षा कमलेश कुमार पंत, डीजीपी एसआर मरडी, सचिव खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले अमिताभ अवस्थी, सचिव ग्रामीण विकास राकेश कंवर सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।