राष्ट्रपति का बगीचा छुआ तो लगेगा करंट
छराबड़ा स्थित राष्ट्रपति निवास रिट्रीट के सेब बगीचे में नहीं घुस पाएंगे जानवर, सोलर फेंसिंग होगी।
शिमला, प्रकाश भारद्वाज। राजधानी शिमला से करीब नौ किलोमीटर दूर छराबड़ा स्थित राष्ट्रपति निवास रिट्रीट के सेब बगीचे को किसी ने छुआ तो करंट लगेगा। बगीचे में अब कोई जानवर भी नहीं घुस पाएगा। रिट्रीट परिसर के 12.5 बीघा सेब बगीचे की सोलर फेंसिंग होगी। इसके लिए सरकार ने 18 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।
सेब बगीचे में सोलर लाइटें भी लगाई जाएंगी। इससे बगीचे पर दूर से नजर रखी जा सकेगी। कृषि विभाग में पंजीकृत सोलर फेंसिंग करने वाली कंपनी बगीचे की बाड़बंदी जल्द शुरू करेगी। बगीचे में सिंचाई सुविधा के लिए तीन लाख लीटर क्षमता का पानी का टैंक बनाया जाएगा। इसके लिए सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग प्रस्ताव तैयार करेगा। विभागीय अधिकारी के अनुसार टैंक पर 25 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। दो महीने के भीतर सोलर फेंसिंग और पानी के टैंक का निर्माण पूरा होने के बाद बगीचे में जनवरी में इटली के सेब के पौधे रोपे जाएंगे। बगीचे में सेब की पुरानी डिलिशियस वैरायटी उखाड़ कर दो-तीन साल के भीतर तैयार होने वाली सेब की किस्में लगाई जाएंगी। रिट्रीट 7041 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस क्षेत्र में सेब की उत्तम किस्में उगाई जा सकती हैं। सरकार ने सोलर फेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 35 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। गत वर्ष 30 करोड़ का बजट रखा गया था जिसमें से 686 प्रस्तावों के लिए राशि स्वीकृत की गई।
दो बार आई दिल्ली से टीम
रिट्रीट के बगीचे की सोलर फेंसिंग करने के लिए नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन से आला अधिकारियों की टीम दो बार दौरा करके गई है। बागवानी विभाग ने इसका प्रारूप तैयार किया है। कृषि विभाग से अधिकृत सोलर फेंसिंग कंपनियों में से एक कंपनी को बगीचे की फेंसिंग का कार्य दिया गया है। वर्ष 2013-14 में यहां पर सेब की नई किस्मों के पौधे रोपे गए थे।