निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग अध्यक्ष को चार्जशीट करने की तैयारी
निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष केके कटोच को सरकार चार्जशीट करने की तैयारी में है। विभागीय जांच में कटोच पर लगे आरोप सही साबित हुए हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग किया है। सरकारी वाहनों का भी दुरूपयोग हुआ है। कार्यालय की फर्नीचर जैसी संपत्ति को अपने आवास में पहुंचाया है।
-विभागीय जांच में आरोप सही साबित, सरकार ने थमाया मेमोरेंडम
-दस दिन के भीतर देना होगा मेमोरेंडम का जवाब
-अपने पद व सरकारी वाहनों के दुरुपयोग का है आरोप राज्य ब्यूरो, शिमला : निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. केके कटोच को सरकार चार्जशीट करने की तैयारी में है। विभागीय जांच में कटोच पर लगे आरोप सही साबित हुए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रधान सचिव (शिक्षा) केके पंत ने कटोच को मेमोरेंडम जारी किया है। दस दिन के अंदर इसका जवाब देना होगा।
आरोप है कि डॉ. केके कटोच ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। सरकारी वाहनों के दुरुपयोग के अलावा कार्यालय के फर्नीचर जैसी संपत्ति को अपने आवास में पहुंचाने का भी आरोप है। मेमोरेंडम में कहा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए? अब संतोषजनक जवाब न आया तो सरकार आयोग के अध्यक्ष को चार्जशीट करेगी। उन्हें सस्पेंड भी किया जा सकता है। आयोग के कर्मचारियों ने इस मामले में कई शिकायतें की थीं। उन्होंने अध्यक्ष पर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यहार करने, सरकारी वाहनों व पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। कटोच कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति रहे हैं। उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है।
वहीं, निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. केके कटोच से कई बार संपर्क साधा गया लेकिन उन्होंने मोबाइल फोन नहीं उठाया। हालांकि कटोच पहले कहते रहे हैं कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उधर, कर्मचारियों ने शिक्षा मंत्री से फिर मुलाकात कर कटोच के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
किसने की जांच
सरकार ने पिछले साल 19 सितंबर और इस वर्ष 20 जुलाई को आरोपों की जांच करने के आदेश जारी किए थे। जांच का जिम्मा प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में कार्यरत संयुक्त निदेशक हितेश आजाद को सौंपा गया था। उन्होंने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सरकार को दे दी है। इसमें पाया गया है कि आयोग के अध्यक्ष का अपने मैंबर पर प्रभावी नियंत्रण नहीं है। किसी के साथ उचित तालमेल नहीं है। अध्यक्ष व मैंबर समानांतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। निजी संस्थानों के कई कोर्सो को पहले स्वीकृत और फिर रिजेक्ट किया गया है। सरकारी वाहनों का दुरुपयोग हुआ है। इंस्पेक्शन कमेटी की अधिसूचना से संबंधित फाइलें मैंबर को नहीं भेजी गई हैं। मैंबर को जो कार्य दिया गया है, उसमें निजी विश्वविद्यालय शामिल नहीं हैं।
----- मैंने दो अलग-अलग फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट सरकार को सौंपी हैं। दूसरी रिपोर्ट पिछले महीने दी है। इसमें आरोप था कि अध्यक्ष कमेटी में मैंबर की राय नहीं लेते थे। पहले वाली ज्यादा विस्तृत रिपोर्ट थी। मेमोरेंडम हमारे स्तर का मामला नहीं है।
हितेश आजाद, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) प्रारंभिक शिक्षा एवं जांच अधिकारी
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