हिमाचल में जनगणना के लिए तैयारियां शुरू, बनेगा मोबाइल एप
census in Himachal हिमाचल में जनगणना की तैयारियां शुरु हो गई हैं जनगणना कार्य में पारदर्शिता और जानकारी के संकलन के लिए मोबाइल एप भी बनाया जाएगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। जनगणना का कार्य अगले साल 2021 में होगा लेकिन हिमाचल में इसकी प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस संबंध में राज्य सचिवालय में जनगणना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गठित राज्यस्तरीय समन्वय समिति की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने की।
उन्होंने कहा कि जनगणना कार्य में पारदर्शिता और सही जानकारी के संकलन के लिए मोबाइल एप बनेगा।इसके माध्यम से राज्य में जनगणना 2021 का अधिकतम कार्य संपादित करवाया जाएगा। जानकारियों का संकलन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकेगा। फरवरी व मार्च में उपायुक्तों और जिले के अन्य अधिकारियों को जनगणना के कार्य का विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा। निदेशक जनगणना ने कहा कि जनगणना कार्यालय द्वारा हिमाचल में 18 मास्टर ट्रेनर को पिछले साल नवंबर में प्रशिक्षण दिया गया था।
ये मास्टर ट्रेनर मार्च में सभी जिलों में लगभग 418 फील्ड ट्रेनर को प्रशिक्षण देंगे। इनके द्वारा अप्रैल में राज्य के लगभग 19500 प्रगणकों व पर्यवेक्षकों को जनगणना का कार्य करने के लिए प्रशिक्षित दिया जाएगा। प्रगणक अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर मोबाइल एप के माध्यम से जनगणना का कार्य
संपादित करेंगे। मोबाइल फोन के माध्यम से जनगणना कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 25 हजार और पेपर पर कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 17 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। राज्य में प्रथम चरण में 16 मई से 30 जून तक मकानों की गणना कर उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा। उपरोक्त कार्य के साथ-साथ राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर को भी अपडेट किया जाएगा। जनगणना के संपूर्ण कार्य का पर्यवेक्षण वेब पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
सही व पूर्ण जानकारी दें : खाची
मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने राज्य के लोगों से अपील की है कि वे जनगणना के कार्य में हिस्सा लें। वे प्रगणकों को सही व पूर्ण जानकारी दें। जनगणना कार्य में पूर्ण सहयोग दें। उन्होंने कहा कि जनगणना सिर्फ महिलाओं और पुरुषों की गिनती ही नहीं है बल्कि देश के विकास में गति लाने का भी एक माध्यम है। सरकारें इन आंकड़ों पर विकास से संबंधित सभी योजनाओं का निर्धारण करती हैं। जनगणना के सभी आंकडे़ देश की जनता की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से सरकार को नीति निर्धारण करने में सहायक सिद्ध होंगे।