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पुलिस की टोपी बदलने की तैयारी

हिमाचल सरकार में जल्द ही नीले रंग की टोपी में नजर आएंगे 17 हजार पुलिस कर्मचारी

By Edited By: Published: Sun, 20 May 2018 05:22 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 10:48 AM (IST)
पुलिस की टोपी बदलने की तैयारी
पुलिस की टोपी बदलने की तैयारी

शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल सरकार पुलिस की खाकी टोपी बदलने की तैयारी में है। कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक सभी के लिए टोपी का रंग खाकी की जगह नीला हो सकता है। डीएसपी से लेकर डीजीपी तक के अधिकारी की टोपी का रंग नीला ही है। बटालियनों में तैनात पुलिस कर्मचारी अपनी पंसद की टोपी पहन रहे हैं, लेकिन इस साल जनवरी महीने में खाकी रंग की टोपी पहनने के आदेश हुए थे, पर इस पर पूरी तरह से अमल नहीं हुआ है। दो रंगों के कारण उलझा पुलिस की टोपी का मामला सरकार तक पहुंच गया है। इसमें पुलिस कर्मियों ने कई तरह के तर्क दिए हैं। वे खाकी टोपी के पक्ष में नहीं है चूंकि इसे ग़ृह रक्षक और वन रक्षक भी पहनते हैं। ये उनसे अलग पहचान चाहते हैं। उन्होंने अपने पक्ष में कई राज्यों का हवाला दिया है, जहां नीला रंग लागू है।  

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बदली थी खाकी वर्दी

पुलिस की पहचान खाकी के नाम है। ऐसा अंग्रेजों के जमाने के चला आ रहा है। जनता के जहन में छवि बदलने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। 2010 में कास्टेबल से लेकर डीजीपी तक वर्दी की नीली कर दी थी। इसमें टोपी भी शामिल थी। पुलिस कल्याण संगठन ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने वर्दी के रंग पर आपत्ति जताई। कोर्ट से संगठन के हक में फैसला आया। इस कारण सरकार को पुराना पैट्रन बहाल करना पड़ा। 2016 में फिर से खाकी टोपी के आदेश जारी हुए, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।

जूते और बेल्ट में भी हुआ था बदलाव

2010 में जूते और बेल्ट में भी बदलाव हुआ। पुलिस कर्मियों को काले जूते और काली बेल्ट पसंद नहीं आई। पुलिस कल्याण संगठन ने 2016 में सीएम से मुलाकात की। उन्होंने एएसआइ से लेकर इंस्पेक्टर तक जूते और बेल्ट का रंग लाल करने की गुहार लगाई। इसे मान लिया गया। तब से यही रंग लागू है।  

टोपी से अफसरों को परेशानी

बताते हैं कि पुलिस कर्मियों की नीली टोपी से सरकार को नहीं अफसरों को दिक्कत है। डीएसपी से लेकर डीजीपी तक के अधिकारी की टोपी का रंग नीला है, लिहाजा उनमें से कई अधिकारी नहीं चाहते कि इससे नीचे के अधिकारी भी उनके जैसे रंग की टोपी पहनें। इसके लिए राज्य पुलिस मुख्यालय में कमेटी भी गठित की गई थी।  

अगर राज्य पुलिस ने खाकी के टेंडर लगाए होंगे तो उसका पैसा संगठन देगा। चाहे वह लाखों में क्यों न हों। पुलिस को नीली टोपी चाहिए। अब भी उन्होंने अपने जेब से पैसे खरीद कर इसे पहना है। इस मसले को लेकर सीएम साहब से मुलाकात की गई थी। उम्मीद है कि सरकार जल्द नई अधिसूचना जारी करेगी।

-रमेश चौहान, प्रदेशाध्यक्ष, पुलिस कल्याण संघ


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