हिमाचल के स्कूलों में अब दो बार होगी प्री बोर्ड की परीक्षा
सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए अब 10वीं और 12वीं की परीक्षा की प्री बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर और बेहतर करने के लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर दसवीं और जमा दो कक्षा के बच्चों की प्री बोर्ड की परीक्षा होगी। यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी। बोर्ड परीक्षाओं के लगातार खराब परीक्षा के कारण शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है।
प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा उपनिदेशकों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देश के अनुसार दसवीं और जमा दो कक्षा के बच्चों की साल में दो बार प्री बोर्ड की परीक्षा नवंबर और फरवरी में होगी। इस परीक्षा को स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्र्रेनिंग (एससीईआरटी) लेगा। इसके अलावा बोर्ड की कक्षाओं के एक वर्ष में चार टेस्ट होंगे। हर टेस्ट पचास अंक का होगा। जो कि मई, जून, जुलाई, अगस्त में होंगे। इसके अलावा हाउस टेस्ट भी लिए जाएंगे। इन टेस्टों के परिणाम का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा। यह रिकॉर्ड ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर पर तैयार होगा।
प्री बोर्ड की परीक्षा के प्रश्नपत्र बोर्ड के प्रश्नपत्र के आधार पर ही तैयार होंगे।
परीक्षा परिणाम का हाल
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2019 के दौरान बोर्ड की परीक्षा का परिणाम वर्ष 2018 के मुकाबले काफी खराब रहा है। शैक्षणिक 2017-18 में दसवीं की कक्षा का बोर्ड परीक्षा का परिणाम 63.39 फीसद और जमा दो का 70.18 फीसद रहा था। 2018-19 के दौरान दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 60.79 फीसद और जमा दो का परीक्षा परिणाम 62.01 फीसद रहा है।
75 फीसद अंक लेने वाले बच्चे जाएंगे प्रतियोगिताओं में
चार मासिक टेस्टों में 75 फीसद से अधिक अंक लेने लेने वाले बच्चे ही ब्लॉक, जिला और राज्यस्तर पर होने वाले कार्यक्रमों और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए भेजे जाएंगे। 45 फीसद से कम अंक लेने वाले बच्चों को और बेहतर बनाने के लिए बैकअप प्लान तैयार किया जाएगा। जून से अक्टूबर महीने में बैग फ्री डे के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
बच्चों के मन से बोर्ड की परीक्षा का भय दूर करने और बेहतर परिणाम के लिए प्री बोर्ड की परीक्षा और साल में चार मासिक टेस्ट लेने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
-डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा निदेशालय।