विक्रमादित्य के रिसेप्शन का प्रणब, सोनिया, राहुल को न्योता
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह ने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के दिल्ली लि-मेरेडियन में होने वाली रिसेप्शन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित एक हजार लोगों को निमंत्रण दिया है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। बुशहर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के विवाह समारोह के लिए जयपुर चले गए हैं। तीन मार्च को परिवार सहित गए वीरभद्र्र सिंह आठ-नौ को विवाह संबंधी रस्में पूरी करने के बाद कुल देवी भीमाकाली के चरणों में पहुंचेंगे। उसके बाद खुद और बेटा विक्रमादित्य दिल्ली से लेकर पीटरहॉफ और शिमला ग्रामीण व अर्की हलकों में होने वाली रिसेप्शन और खुली धाम समारोह में शामिल होंगे।
ऐसे में धर्मशाला में हो रही राहुल गांधी की रैली में वीरभद्र शामिल नहीं हो पाएंगे। विवाह समारोह को यादगार बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विशेष तौर पर आमंत्रित किया है। दिल्ली लि-मेरेडियन में होने वाली रिसेप्शन में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष राहुल गांधी सहित एक हजार लोगों को निमंत्रण दिया है। इसी तरह से राज्य अतिथिगृह पीटरहॉफ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व शांता कुमार को शामिल होने का विशेष आग्रह
किया है। उन्होंने जयराम, धूमल व शांता को फोन कर न्योता दिया है। प्रदेश के सभी मंत्री, कांग्रेस व भाजपा विधायक दल व सभी अधिकारियों को भी बुलाया है। वीरभद्र अर्की से विधायक हैं, इसलिए कार्यकर्ताओं के लिए कुनिहार में 20 मार्च को धाम लगाई जाएगी। इसी तरह की धाम शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में सुन्नी व बनुटी में 13 व 14 मार्च को होगी।
इस तरह से रहेगा विवाह कार्यक्रम
- जयपुर में विवाह की रस्में 8-9 मार्च को होंगी।
- 12 मार्च को परिवार कुल देवी भीमाकाली मंदिर में पूजा अर्चना करेगा।
- दिल्ली लि-मेरेडियन में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, सोनिया गांधी, राहुल सहित समूची एआइसीसी रिसेप्शन में शामिल होगी।
- 15 मार्च को पीटरहॉफ में राज्यपाल आचार्य देवव्रत, समस्त मंत्री, कांग्रेस-भाजपा विधायक दल के लिए रिसेप्शन होगी।
- 12 मार्च को रामपुर पदम पैलेस में खुली धाम।
- 13 मार्च को सुन्नी में खुली धाम।
- 14 मार्च को बनुटी में खुली धाम।
- 20 मार्च को कुनिहार में खुली धाम
हिमाचल के राजघराने का अन्य राज्यों से रिश्ता
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बुशहर रियासत के राजा रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विधायक विक्रमादित्य सिंह उदयपुर (राजस्थान) के राजपरिवार की बेटी सुदर्शना सिंह के साथ विवाह बंधन में बंधेंगे। यह पहला मौका नहीं है, जब हिमाचल का कोई राजघराना अन्य राज्य राजघराने से जुड़ने जा रहा हो। इससे पहले भी यहां के राजघरानों की बेटियां अन्य राज्यों के राजघरानों की बहुएं बनी हैं, तो वहां की बेटियां पहाड़ के राजघरानों की बहुएं बन चुकी हैं।
बुशहर रियासत की बहू बनेगी राजस्थान की बेटी
बुशहर रियासत के शासक एवं छह बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह की शादी राजस्थान की अमेठ रियासत की बेटी सुदर्शना सिंह से हो रही है। महाराजा पटियाला घराने की बहू ही वीरभद्र की बेटी वीरभद्र सिंह की बेटी अपराजिता सिंह की शादी महाराजा पटियाला घराने के युवराज अंगद सिंह से हुई है। पूर्व हंडूर रियासत मौजूदा नालागढ़ के राजघराने से जुड़े राजा सुरेंद्र सिंह का विवाह पटियाला राजपरिवार में ही हुआ था।
जयपुर रियासत की बहू है सिरमौर राजघराने की बेटी
सिरमौर के अंतिम शासक महाराजा राजेंद्र प्रकाश की इकलौती बेटी राजकुमारी पद्मिनी देवी का विवाह राजस्थान के जयपुर रियासत के महाराजा सवाई मान सिंह के बेटे राजकुमार ब्रिगेडियर भवानी सिंह के साथ हुआ था। जयपुर की महारानी व सिरमौर रियासत के अंतिम शासक की पुत्री पद्मिनी देवी ने सिरमौर रियासत की बागडोर अपने छोटे नाती लक्ष्यराज सिंह कुंवर को सौंपी है।
राजस्थान के मारवाड़ राजघराने की बेटी है कटोच राजघराने की बहू
राजस्थान के जोधपुर के मारवाड़ राजघराने की बेटी चंद्रेश कुमारी हिमाचल के कटोच राजघराने की बहू हैं। आदित्य देव कटोच का विवाह चंद्रेश कुमारी के साथ 4 दिसंबर, 1968 को हुआ था। आदित्य देव कटोच कटोच वंश के 488वें राजा और कांगड़ा राजपरिवार के मुखिया एवं लंबागांव के जागीरदार हैं। चंद्रेश कुमारी प्रदेश व केंद्र में मंत्री के तौर पर भी कार्य कर चुकी हैं।
चंबा राजघराने का छत्तीसगढ़ की सरगूजा रियासत से गहरा नाता
छत्तीसगढ़ की सरगूजा रियासत की राजकुमारी आशा कुमारी चंबा राजघराने की पुत्रवधू हैं। चंबा के राजा लक्ष्मण सिंह व राज माता देवेंद्रा कुमारी के पुत्र राजकुमार बृजेंद्र सिंह का विवाह 1979 में सरगूजा रिसायत के राजा एमएस सिंह देऊ व राज माता देवेंद्रा कुमारी की पुत्री आशा कुमारी से हुआ था। आशा डलहौजी हलके की विधायक होने के साथ ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की सचिव भी हैं।
मंडी व सुकेत रियासत के वंशजों का जोधपुर और मध्य प्रदेश से नाता
जिला मंडी की सुकेत रियासत के राजा महाराजा लक्ष्मण सेन के बेटों की शादी राजस्थान के राजघरों में हुई थी। महाराजा लक्ष्मण सेन महाविद्यालय सुंदरनगर का संचालन कर रहे ललित सेन की शादी राजस्थान की डूंगरपुर रिसायत की बेटी कृष्णा देवी से हुई थी। महराजा लक्ष्मण सेन के पोते जय सिंह सेन की शादी जोधपुर घराने में हुई। सुकेत रियासत के राजा की बेटी की शादी भी कोटा के महाराजा से हुई थी। मंडी रिसासत के कुंवर ओमेशवर सिंह का विवाह मध्य प्रदेश के सीतामऊ राजघराने की राजकुमारी अंबिका के साथ हुआ है।
कांगड़ा की रहने वाली थी जम्मू की महारानी तारादेवी
जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह की पत्नी एवं कर्ण सिंह की माता तारादेवी भी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की रहने वाली थीं।
नेपाल व मध्य प्रदेश के राजपरिवार से हैं कुल्लू की रानियां
कुल्लू राज परिवार के मुखिया महेश्वर सिंह की पत्नी नेपाल के राज परिवार से हैं। इनके छोटे भाई स्वर्गीय कर्ण सिंह का विवाह मध्यप्रदेश के राजघराने में हुआ था।