योजनाओं के भंवर में उलझी गरीबी
हिमाचल प्रदेश में गरीबी उन्मूलन के लिए योजनाएं तो चलीं मगर उनका धरातल पर असर नहीं हुआ।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला
हिमाचल प्रदेश में गरीबी उन्मूलन के लिए योजनाएं तो चलीं मगर उनका धरातल पर असर नहीं दिखा। गरीबों की गरीबी दूर नहीं हुई है। प्रदेश में 3226 पंचायतें हैं। इनमें से केवल 36 पंचायतों ने ही घोषणा की है कि उनकी पंचायत में कोई गरीब नहीं है। करीब 30 वर्ष से प्रदेश में गरीबों की संख्या बढ़ी है।
गरीबी दूर न होने में पंचायतों के प्रधानों और अन्य पदाधिकारियों की अहम भूमिका रही है। वे चहेतों को रेवड़ियां बांटते रहे और जो गरीब थे, वे गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की सूची से ही बाहर रहे। हजारों गरीब बीपीएल परिवार दस से पंद्रह वर्षो से इंतजार कर रहे हैं कि ऐसा समय कब आएगा जब उनकी तकदीर बदलेगी। प्रदेश में झूठे प्रमाणपत्रों के आधार पर कई लोग गरीब बन रहे हैं। जो गरीब हैं, उन्हें बीपीएल सूची से बाहर किया जा रहा है। तर्क दिया जा रहा है कि वे काफी समय से बीपीएल सूची में हैं। इसलिए अब तक उनकी गरीबी दूर होनी चाहिए। हालांकि बीपीएल परिवार कई योजनाओं का लाभ ले चुके हैं मगर अब भी गरीब हैं। नियमों के तहत सस्ते राशन को छोड़कर आर्थिक अनुदान कोई भी ले लिया हो तो वह परिवार बीपीएल सूची से बाहर होना चाहिए। ऐसे परिवारों को हटाने की कोई प्रक्रिया अपनाई नहीं जा रही है। पंचायतों में ग्रामसभा की बैठकों में डाटा ही नहीं रखा जा रहा है कि बीपीएल में शामिल परिवारों ने किन योजनाओं का लाभ उठाया है। कई पंचायत प्रतिनिधियों को ही मालूम नहीं कि वे योजनाएं कौन सी हैं जो गरीबी दूर करने के लिए शुरू की गई हैं। जिलास्तर पर खंड कार्यालय व बीपीएल कोटा
जिला,खंड,पंचायतें,बीपीएल कोटा,बीपीएल प्रतिशतता
बिलासपुर,04,151,17337,23.10
चंबा,07,283,46393,54.15
हमीरपुर,06,229,19514,20.37
कांगड़ा,15,748,63250,21.87
किन्नौर,03,65,2824,21.31
कुल्लू,05,204,11267,16.24
लाहुल स्पीति,02,41,2400,43.50
मंडी,10,469,41339,20.06
शिमला,10,469,31682,29.07
सिरमौर,06,228,13695,19.44
सोलन,05,211,17478,16.92
ऊना,05,234,15191,16.92
कुल,78,3226,282370,23.87
गरीबों के लिए योजनाएं
-प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए 1.30 लाख रुपये।
-मकान की मरम्मत के लिए प्रति परिवार 25 हजार रुपये।
-गरीबों के समूह के लिए तीन से पांच लाख रुपये वार्षिक मदद।
- बीज, खाद, पौधों व उपकरणों में उपदान।
-अंत्योदय अन्न योजना में दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो चावल।
-बीपीएल परिवार को 5.85 रुपये किलो गेहूं व 6.25 रुपये किलो चावल।
-पानी के टैंक के लिए आर्थिक मदद।
-बकरी, पशुपालन व मधुमक्खी पालन पर अनुदान। गलत चयन रोकने के लिए कठोर नियम
बीपीएल परिवारों को एपीएल की श्रेणी में लाने के लिए नई योजनाएं जैसे भेड़पालन, पुष्प उत्पादन, मुर्गी पालन आदि को शुरू किया है। गलत चयन रोकने के लिए हलफनामे की शर्त सहित अन्य कठोर नियम बनाए गए हैं। ग्रामसभा को चाहिए कि वास्तव में जो लोग गरीब हैं, उन परिवारों का ही बीपीएल सूची में चयन करें।
वीरेंद्र कंवर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री