कोरोना संकट में फरिश्ते बने डाकिये
कोरोना संकट की इस घड़ी में सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों के लिए डाकिये किसी फरिश्त से कम नहीं है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : कोरोना संकट की इस घड़ी में सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों के लिए डाकिये किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। ये हमारे योद्धा केवल डाक ही नहीं बल्कि पैसा भी घर तक पहुंचा रहे हैं। इससे खासकर वरिष्ठ नागरिकों को बुढ़ापा पेंशन घर बैठे मिल रही है। लॉकडाउन व कर्फ्यू के कारण लाभार्थियों तक पेंशन पहुंचाना आसान नहीं था, पर इस चुनौतीपूर्ण कार्य को इन्होंने आसान बना दिया। प्रदेश और केंद्र की योजनाओं को इनके जरिये धरातल पर उतारा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने 5.69 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों को 217.86 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करके विशेष राहत पहुंचाई है। जनजातीय क्षेत्रों के लाभार्थियों को यह पेंशन छह माह के लिए और गैर-जनजातीय क्षेत्रों के लाभार्थियों को तीन माह के लिए अग्रिम तौर पर दी गई है।
-------
एक मात्र सहारा पेंशन
कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर क्षेत्र के गांव गूहन की 90 वर्षीय शैंकरू देवी की खुशी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहा, जब डाकिया कर्फ्यू के दौरान पैदल चलकर उनकी तीन माह की 4500 रुपये पेंशन लेकर घर पहुंचा। उम्र के इस पड़ाव में घर में अकेला होने के कारण सामाजिक सुरक्षा पेंशन ही उसका मुख्य सहारा है। इसी पेंशन से उसकी दवाओं व दाल-रोटी का खर्च चलता है। शैंकरू देवी का कोई अकेला मामला नहीं है। इस समय प्रदेश में ऐसे करीब 3.85 लाख वृद्ध हैं, जिन्हें लगभग 154.24 करोड़ रुपये की पेंशन सुविधा प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, लगभग 1.20 लाख विधवाओं को भी 40.21 करोड़ रुपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की गई है, जबकि 63,495 दिव्यांगजनों को 23 करोड़ रुपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन जारी की गई है।
-----
कितने खाते
इस समय प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों के डाकघरों में चार लाख 75 हजार 290 सेविंग अकाउंट हैं और 93,768 लाभार्थियों के बैंकों में अकाउंट है। प्रदेश के पांगी, भरमौर, लाहुल-स्पीति व किन्नौर में 14,379 सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों को छह माह की पेंशन प्रदान की गई है, जिस पर लगभग 10 करोड़ 39 लाख रुपये व्यय हुए हैं।
-------
राज्यपाल ने भी सराहा
डाक सेवाओं की राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भी सराहना की है। डाक विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेशभर में करीब चार लाख पेंशन भोगियों को उनके घरद्वार पर पैंशन का भुगतान किया गया है। प्रदेशभर से देशभर के लिए लगभग सात हजार ग्राहकों को दवाएं पहुंचाई गई। प्रतिदिन देशभर के लिए लगभग 250 पार्सल, जिनमें कैंसर से संबंधित दवाएं हैं, की बुकिग की जा रही है।