सीएम के खास के लिए बिछ रही बिसात
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के मुखिया पद के लिए मंडी के दो महारथियों में जंग तेज हो गई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के मुखिया पद के लिए मंडी के दो महारथियों में महाभारत छिड़ गया है। सरकार समर्थक दो नेताओं एनआर ठाकुर व अश्विनी ठाकुर के बीच सरदारी की अंदरूनी जंग तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार सीएम कार्यालय लगातार शिक्षा विभाग से ताल्लुक रखने वाले अश्विनी की पैरवी कर रहा है। भारतीय मजदूर संघ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एनआर ठाकुर का पक्ष ले रहा है।
दो ठाकुरों के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग ने महासंघ के चुनाव को रोचक बना दिया है। दोनों पक्ष अपने लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। वहीं, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के समानांतर गुटों को एक मंच पर लाने के प्रयास तेज हो गए हैं। प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर ने तीन बड़े नेताओं महासचिव एनआर ठाकुर, अश्विनी ठाकुर व विनोद कुमार को एक मंच पर बिठाया लेकिन चंद दिनों बाद विनोद धड़ा फिर छिटक गया। इस गुट ने बिलासपुर में समानांतर चुनाव करवाने का ऐलान कर रखा है। इसके बावजूद इनके नेताओं से बातचीत बंद नहीं हुई है। तीन पक्षों में पहले एका करवाई पर यह काम नहीं आई। अब दूसरे चरण की वार्ता होगी। इसमें सरकार ने कुछ लोगों को अधिकृत किया है जो सभी पहलुओं व पक्षों के हित देख रहे हैं। वे यह भी परख रहे हैं कि किसमें कितना दम है। शिमला में 23 को चुनाव पर संशय
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के शिमला में 23 सितंबर को प्रस्तावित चुनाव पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। जब तक सभी पक्षों में सुलह नहीं होती, तब तक चुनाव को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है। छह सितंबर के चुनाव को भी 23 सितंबर तक के लिए टाला गया था क्योंकि तब महासचिव एनआर ठाकुर अड़ गए थे। उनकी बात का असर भी हुआ और चुनाव करवाने की अधिसूचना उन्होंने ही जारी की। हर हाल में होंगे चुनाव
शिमला में 23 सितंबर को चुनाव हर हाल में होंगे। इसके लिए बागवानी विभाग का निदेशालय स्थान तय किया गया है। समानांतर गुटों व संगठनों से बातचीत चल रही है। कोशिश यही है कि सबको एक मंच पर लाया जाए। इस संगठनों में मतभेद है, मनभेद नहीं। विनोद के साथ भी बातचीत हुई थी। फिर भी बिलासपुर में क्यों अलग चुनाव करवाने की घोषणा की, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
एनआर ठाकुर, महासचिव, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ असंवैधानिक हैं सभी गुट : जोगटा
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व कांग्रेस सरकार से मान्यता प्राप्त जोगटा गुट के अध्यक्ष एसएस जोगटा कहते हैं कि सभी गुट असंवैधानिक हैं। उन्होंने अपने संगठन को ही असली करार दिया। क्या है विवाद
महासंघ कई गुटों में बंटा हुआ है। सबसे प्रभावी धड़ा सरकार समर्थक सुरेंद्र ठाकुर का है। इसके अलावा विनोद गुट व जोगटा गुट भी हैं। विनोद कुमार कर्मचारियों के पहले अध्यक्ष थे जो इसी साल महासंघ में आए। उन्होंने महासंघ के समानांतर संगठन खड़ा किया। जिलों में अलग चुनाव करवाए। सुरेंद्र ठाकुर के धड़े के एनआर ठाकुर व अश्विनी ठाकुर हैं। इस महासंघ के जिलों में चुनाव हो चुके हैं। अब राज्य कार्यकारिणी चुनी जाएगी। चुनाव से पहले अध्यक्ष पद के दावेदार अपने लिए लॉबिंग कर रहे हैं।