बागवानों को लूट से बचाने के लिए आढ़ती व लदानी की होगी पुलिस वेरीफिकेशन
सेब बागवानों को आढ़तियों से लेकर लदानियों की लूट से बचाने के लिए शिमला पुलिस ने इनके पंजीकरण का पूरा प्रोसेस बदल दिया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : सेब बागवानों को आढ़तियों से लेकर लदानियों की लूट से बचाने के लिए शिमला पुलिस ने इनके पंजीकरण का पूरा प्रोसेस बदल दिया है। इसके लिए पुलिस ने एपीएमसी को आढ़तियों और लदानियों के पंजीकरण से पहले इनका फार्म भरवाने का फैसला लिया है। इस फार्म में आढ़ती के आधार नंबर से लेकर अन्य पूरी जानकारी ली जाएगी। इतना ही नहीं एपीएमसी जानकारी से संतुष्ट होने के बाद आढ़ती को पंजीकृत करने का प्रस्ताव करती है तो शिमला पुलिस आढ़ती या लदानी के स्थानीय थाने से रिपोर्ट लेगी। इस रिपोर्ट में क्लीयर होने के बाद ही बागवानों से आढ़ती या लदानी सेब खरीद सकेगा। इसका पूरा प्रारूप तैयार कर लिया है। इसे लागू करने के लिए पूरा फार्मेट बनाया है।
एसपी ओमापति जम्वाल ने माना कि बागवानों को आढ़तियों, लदानियों की लूट से बचाने के लिए पुलिस ने नया सिस्टम शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। एपीएमसी की मदद भी इसके लिए ली जानी है। इसके बाद ही बाहर या हिमाचल के आढ़ती बागवानों की फसल को खरीद सकेंगे। पुलिस ने पंजीकरण प्रोसेस बदला
अपर शिमला से लेकर प्रदेशभर में बागवानों से फसल खरीदने के बाद उनका पैसा दिए बगैर ही आढ़तियों के भागने के काफी मामले आते हैं। इस सीजन में बागवानों से इस तरह की लूट न हो, इसके लिए शिमला पुलिस लंबे समय से कसरत कर रही थी। पहली बार आढ़ती बनने के लिए आधार नंबर, पैन नंबर, उंगलियों से लेकर हाथ के निशान, बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन तक की जानी है। पुलिस इतनी कसरत के बाद एपीएमसी को ये मामला पंजीकरण के लिए भेजेगी। इसमें एपीएमसी पूरी जानकारी क्रॉस चेक करने के बाद ही पंजीकरण के लिए अपनी सहमति देगा। इससे पुलिस की जिम्मेदारी भी कम होगी और एपीएमसी के पास आढ़ती या लदानी का पूरा रिकॉर्ड होगा। आढ़ती के संबंधित थाने से मांगी जाएगी रिपोर्ट
शिमला पुलिस किसी को भी आढ़ती बनने की रिपोर्ट देने से पहले आवेदक को संबंधित आढ़ती का रिकॉर्ड थाने से मंगवा लेगी। इसमें किसी भी तरह के आपराधिक मामले होने या बागवानों से लूट का कोई मामला पहले से होने पर पंजीकरण नहीं हो सकेगा।