उद्घोषित अपराधी 11 साल से कोर्ट में कर रहा था प्रेक्टिस
11 सालों से उदघोषित अपराधी कोर्ट में वकील के तौर पर प्रेक्टिस करता रहा।
जागरण संवाददाता, शिमला : 11 साल से उद्घोषित अपराधी (पीओ) कोर्ट में वकील के तौर पर प्रेक्टिस करता रहा, लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लग पाई। अब चुनाव के लिए जब शिमला पुलिस ने विशेष अभियान चलाया तो वकील पंकज भी गिरफ्तार हुआ। हालांकि उसके जमानत पर रिहा कर दिया है। वहीं गिरफ्तारी के विरोध में शनिवार को शिमला बार एसोसिएशन ने प्रदर्शन भी किया। असल में वर्ष 2002 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक मारपीट के मामले में पंकज भी आरोपित था। उस दौरान पंकज ने जो पता पुलिस को दिया था, वह गलत था। इसी वजह से पुलिस के सम्मन भी उसे नहीं मिले। इसके बाद कोर्ट ने पंकज को पीओ घोषित किया था। इस मामले में शिमला पुलिस की लापरवाही का खुलासा हुआ है कि कोर्ट में पीओ प्रेक्टिस करता रहा। फिर भी गिरफ्तार नहीं कर पाई।
वहीं, शिमला बार एसोसिएशन ने आरोप लगाया गया है कि पंकज को गलत गिरफ्तार किया है। एसोसिएशन ने एसएचओ ढली और बालगूंज के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। कोर्ट परिसर के भीतर बिना सूचना कैसे प्रेक्टिस करते हुए वकील को गिरफ्तार कर लिया।
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वर्ष 2002 के मारपीट मामले में पंकज शर्मा उद्घोषित अपराधी था। कोर्ट ने वर्ष 2008 में पीओ घोषित कर दिया। तभी से पुलिस ढूंढ रही थी। अभी चुनाव के सिलसिले में पीओ को पकड़ने के लिए अभियान चलाया हुआ है तभी पंकज को गिरफ्तार किया। पंकज की पहचान उसी के जमानती ने की थी।
-ओमापति जम्वाल, पुलिस अधीक्षक शिमला।