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हिमाचल में पेयजल संकट पर पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट

प्रधानमंत्री कार्यालय ने हिमाचल में पेयजल संकट का संज्ञान लिया है। इस संबंध में सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है।

By Edited By: Published: Wed, 30 May 2018 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 09:18 AM (IST)
हिमाचल में पेयजल संकट पर पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट
हिमाचल में पेयजल संकट पर पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में पेयजल संकट का प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कड़ा संज्ञान लिया है। सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने राज्य सरकार से पानी से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा गया है जिसमें खासकर शिमला में पेयजल संकट पर चिंता जताई गई है। अब इसका जवाब तैयार किया जा रहा है।

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हिमाचल में पानी के लिए हाहाकार मचा है। अब तक करीब 1500 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं जो लगभग सूख चुकी हैं। इससे छह लाख से अधिक की आबादी के लिए पानी मुहैया नहीं हो पा रहा है। इनके अलावा सैकड़ों ऐसी योजनाएं हैं जहां पानी की मात्रा में लगातार गिरावट आ रही है। रोजाना 100 से अधिक योजनाएं हांफ रही हैं। पेयजल संकट बड़ा है और इससे निपटने के लिए सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं और उपलब्ध पानी का प्रबंधन भी उचित तरीके से नहीं हो रहा है। शिमला, मंडी, सोलन, बिलासपुर, कुल्लू व सिरमौर के लोग पेयजल की ज्यादा किल्लत झेल रहे हैं।

पानी के लिए आंदोलन

शिमला में हालात सबसे ज्यादा बिगड़े हुए हैं। यहां 10-11 दिनों में बमुश्किल एक दिन पानी की सप्लाई हो रही है। पानी के बिना सब परेशान हैं। आलम यह है कि अब रोजाना लोग आंदोलन कर रहे हैं। टैंकरों की व्यवस्था की तो गई है पर अधिकतर हिस्सों में ये टैंकर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

पानी की कमी से बंद करने पड़े रेस्टोरेंट

पानी की कमी के कारण प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय समर फेस्टिवल शिमला को स्थगित करने का फैसला लिया मगर इससे सैलानियों में अच्छा संदेश नहीं गया है। इससे पानी की समस्या से निपटने में प्रशासनिक नाकामी झलकी है। पानी की कमी के कारण शिमला के माल रोड में बुधवार को दो नामी रेस्टोरेंट बंद करने पड़े। इससे एक दिन में इन्हें लाखों का नुकसान झेलना पड़ा। पानी की कमी के कारण पहले कभी ऐसी नौबत नहीं आई।

टैंकरों से हो रही सप्लाई

सर्दियों में पर्याप्त बर्फबारी नहीं हुई है। इसके बावजूद आइपीएच विभाग पानी मुहैया करने के हर संभव प्रयास कर रहा है। बड़ी योजनाओं में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है लेकिन परंपरागत स्रोत जरूर सूख गए हैं। जरूरत के आधार पर टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है।

अनिल बाहरी, इएनसी, आइपीएच विभाग

नड्डा ने भी उठाए थे सवाल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी मंगलवार को शिमला में पेयजल संकट के लिए उचित रखरखाव न होने को जिम्मेदार माना था। उन्होंने कहीं न कहीं प्रबंधन पर सवाल उठाए थे। पेयजल संकट से उपजे विकट हालात के बीच नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट चीन दौरे पर हैं।


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