Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने मन की बात में सराही किन्नौर की तकनीक, बताया ड्रोन से मंडियों तक कैसे पहुंचाया सेब
Mann Ki Baat प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को ‘मन की बात’ के 95वें संस्करण को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने हिमाचल के किन्नौर जिला का जिक्र किया। भारत अब ड्रोन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
शिमला/सोलन, जागरण टीम। Mann Ki Baat, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर अपने मन की बात कार्यक्रम में हिमाचल का जिक्र किया है। उन्होंने सोलन स्थित मस्कुलर डिस्ट्राफी पुनर्वास केंद्र "मानव मंदिर' और किन्नौर जिला में ड्रोन से सेब ढुलाई पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, "मानव मंदिर' अपने नाम के अनुरूप ही रोगियों के लिए काम कर रहा है। उन्होंने उर्मिला बाल्दी, संजना गोयल व विपुल गोयल की भी सराहना की। मोदी हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान सोलन में पांच नवंबर को हुई रैली के दौरान मस्कुलर डिस्ट्राफी के रोगियों से मिले भी थे और मन की बात कार्यक्रम में मुलाकात का जिक्र करने का वादा किया था।
हो चुका है सफल ट्रायल
मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, जब हम तकनीक से जुड़े इनोवेशन की बात कर रहे हैं तो ड्रोन को कैसे भूल सकते हैं। भारत अब ड्रोन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। किन्नौर हिमाचल का सदूर जिला है। यहां भारी बर्फ होती है। बर्फबारी के कारण यह अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह कट जाता है। ऐसे में यहां से सेब को बाहर ले जाना कठिन होता है। अब ड्रोन के माध्यम से आसानी से सेब मंडियों तक पहुंचाया जा सकेगा। इससे जहां खर्च कम होगा, वहीं मंडियों में समय पर सेब पहुंच पाएगा। इसका सफल ट्रायल हो चुका है। देशवासी अपने इनोवेशन से उन चीजों को भी संभव बना रहे हैं, जिसकी पहले कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। इसे देखकर किसे खुशी नहीं होगी।
देश का पहला पुनर्वास केंद्र
सोलन शहर की समाजसेवी संजना गोयल भी मस्कुलर डिस्ट्राफी बीमारी से ग्रस्त हैं। लेकिन, अपने दर्द को भुला कर 27 वर्ष से देशभर के मस्कुलर डिस्ट्राफी के रोगियों के लिए काम कर रही हैं। संजना गोयल इंडियन एसोसिएशन आफ मस्कुलर डिस्ट्राफी (आइएएमडी) सोलन की अध्यक्ष हैं। 2017 में एसोसिएशन ने मस्कुलर डिस्ट्राफी के रोगियों के लिए सोलन में देश का पहला व एकमात्र एकीकृत मस्कुलर डिस्ट्राफी पुनर्वास केंद्र खोला था। संजना ने बताया कि यह बीमारी चार वर्ष से लेकर उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो सकती है। देश में करीब चार हजार लोगों में एक व्यक्ति को यह रोग होता है। इसका जल्दी पता नहीं चलता है। इसमें मांसपेशियां कमजोर होकर ढीली पड़ जाती हैं, लगातार छोटी होती चली जाती हैं। दुर्भाग्य से अब तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं खोजा गया है। हालांकि, थैरेपी और योग से इस रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है। 'मानव मंदिर' फिजियोथैरेपी व परामर्श केंद्र चलाने और चिकित्सा व जागरूकता शिविर आयोजित करने वाला देश का पहला संस्थान है। संजना गोयल को अभिनेता सलमान खान भी सम्मानित कर चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी उन्हें सम्मानित किया है।
ड्रोन से चार किलोमीटर दूर छह मिनट में पहुंचाई थी 20 किलो की पेटी
प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल में हुई रैली में कहा था कि अब ड्रोन से सेब की ढुलाई होगी। इसके बाद 14 नवंबर को किन्नौर के निचार में ड्रोन से सेब ढुलाई का ट्रायल सफल रहा। ट्रायल के दौरान सेब की 20 किलो की पेटी को ड्रोन से छह मिनट में चार किलोमीटर दूर पहुंचाया था। बेहतर सड़क सुविधा के अभाव में यहां पैदल सेब की ढुलाई करनी पड़ती है। निचार पंचायत के उपप्रधान जगदेव नेगी ने बताया कि मजदूरों से ढुलाई महंगी पड़ती है, कई बार मजदूरों की कमी भी हो जाती है। ड्रोन से सेब की ढुलाई हमारे लिए लाभदायक है। सब्जियों और फलों का कारोबार करने वाली वीग्रो कंपनी ने स्काई एयर कंपनी के साथ मिलकर बागवानों के सहयोग से यह ट्रायल किया था। कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेश नेगी ने बताया कि जल्द ही ज्यादा वजन उठाने में सक्षम ड्रोन से भी ट्रायल किया जाएगा।
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