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पर्यटन उद्योग से सात लाख को मिलता था रोजगार, अब सकंट

कोरोना की जंग में तो हम जीत रहे हैं मगर घर पर बिठाने वाले इस रोग ने पर्यटन उद्योग की कमर तोड़कर रख दी है। पर्यटन उद्योग से 7 लाख लोग प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर रोजगार प्राप्त करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 07:18 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 07:18 PM (IST)
पर्यटन उद्योग से सात लाख को मिलता था रोजगार, अब सकंट
पर्यटन उद्योग से सात लाख को मिलता था रोजगार, अब सकंट

राज्य ब्यूरो, शिमला : कोरोना से जंग तो हम जीत रहे हैं, मगर घर पर बैठाने वाले इस रोग ने पर्यटन उद्योग की कमर तोड़कर रख दी है। पर्यटन उद्योग से सात लाख लोग प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर रोजगार प्राप्त करते हैं। अब तो नवरात्र में तय होगा कि देवभूमि में कितने श्रद्धालु आते हैं। उद्योगों की हालत पर चिंता करते हुए पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के हिमाचल चैप्टर ने वीडियो कांफ्रेंसिग से इंडस्ट्री के सदस्यों के साथ चर्चा कर समाधान की कोशिश की। चैप्टर के सदस्यों ने हिमाचल के लिए भी पूर्वोत्तर की तर्ज पर राहत पैकेज की मांग की।

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वीडियो कांफ्रेंसिग की अध्यक्षता करते हुए पीएचडी चैंबर की हिमाचल इकाई के अध्यक्ष रमेश कुमार जैन ने कोरोना वायरस से लड़ने में केंद्र और राज्य सरकार की सराहना की। जैन ने कहा कि उद्योग और अर्थव्यवस्था बहुत कठिन समय से गुजर रहे हैं और पीएचडी चैंबर उद्योग और सरकारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। स्टेट चैप्टर के सह अध्यक्ष अरुण रावत ने उद्योग के मुद्दों और राज्य सरकार को अब तक दिए राहत उपायों के सुझावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुछ चिताओं का राज्य सरकार पहले ही निवारण कर चुकी है। सुझाव दिया कि लॉकडाउन के बाद एमएसएमई को दिए जाने वाले शुद्ध ऋण को 35 फीसद तक बढ़ाया जाना चाहिए। हिमाचल चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष ध्यान चंद ने कहा कि पर्यटन उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित है। ऋण की सुविधा के लिए पर्यटन उद्योग को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

पूर्व मंत्री व भुट्टिको के अध्यक्ष सत्य प्रकाश ठाकुर ने कहा कि हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र भी बुरी तरह से प्रभावित है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में पात्रता मानदंड में छूट देकर हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को शामिल करना चाहिए। शूलिनी यूनिवर्सिटी के उपकुलपति प्रो. पीके खोसला और इटरनल यूनिवर्सिटी बडू साहिब के उपकुलपति प्रो. एचएस धारिवाल ने शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं पर प्रकाश डाला। रीजेंसी पावर ग्रुप के सीएमडी अरुण शर्मा ने कहा कि उद्योग को ऋण सुविधा मिलनी चाहिए, क्योंकि आरबीआइ के हस्तक्षेप के बाद बैंकिग क्षेत्र में अच्छी तरलता है।

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एमएसएमई को राहत पैकेज जल्द

एमएसएमई विकास संस्थान चंबाघाट सोलन के निदेशक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि मंत्रालय एमएसएमई की मांगों पर विचार कर रहा है। सरकार बहुत जल्द एमएसएमई के लिए एक राहत पैकेज लेकर आ सकती है। हिमाचल चैप्टर के पूर्व सह अध्यक्ष आशीष बागरोडिया ने कहा कि सरकार को बिजली के शुल्क सहित निर्धारित बिजली शुल्क को माफ करने की मांग पर विचार करना चाहिए। औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधक और काम करने वालों को हरियाणा और पंजाब के निकटवर्ती क्षेत्रों से कारखानों में आने-जाने की अनुमति नहीं है।


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