परेशानी तो हुई पर सरकार का फैसला सही
नोटबंदी से जमाखोरों पर हुई जोट, आतंकवादी गतिविधियों पर भी लगी
प्रतिक्रिया
-----------
नोटबंदी से जमाखोरों पर हुई जोट, आतंकवादी गतिविधियों पर भी लगी लगाम संवाद सूत्र, शिमला : नोटबंदी को हुए आठ नवंबर को पूरे दो साल हो गए। सरकार के इस निर्णय से कुछ समय तक आम जीवन थम गया था। समाज के हर वर्ग की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई। अपनी ही कमाई के लिए लोगों की बैंकों व एटीएम के बाहर घंटों लंबी-लंबी कतारें लगी रही, लेकिन आज दो साल बाद स्थिति सामान्य है। आज अधिकतर लोग नोटबंदी को सरकार का सही निर्णय बताते हैं। खासकर युवा वर्ग। युवा पीढ़ी का मानना है कि नोटबंदी के कारण काला धन बाहर निकल गया। यह पैसा किसी भी काम का नहीं था, लेकिन अब इस धन का उपयोग देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए हो सकेगा। दूसरी ओर वरिष्ठ नागरिक नोटबंदी से चोटिल दिखे। अपनी जमापूंजी को हासिल करने में आई मुश्किलों को याद करते हुए वरिष्ठ नागरिक अब भी थोड़ा नाराज व आहत हो उठते हैं। हालांकि नोटबंदी का असर अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में कम पड़ा। नोटबंदी के दो साल बाद लोगों की राय जानी तो अलग-अलग विचार सामने आए।
----------
नोटबंदी के कारण अपने ही रुपये को प्राप्त करने में मुश्किलें हुई। कई महीने रुपयों को बदलने के लिए इंतजार करना पड़ा, जबकि मैं स्वयं एक बैंक अधिकारी रह चुका हूं, बावजूद इसके बैंक के चक्कर काटने पड़े।
-शिशुपाल, समरहिल।
--
मानती हूं कि एकाएक हुई नोटबंदी से शुरुआती दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अपने जमा किए नोटों को बदलना पड़ा। उस समय दो हजार के खुले मिलने में भी मुश्किल हो रही थी पर आज सब सामान्य है।
-सुनीता ठाकुर।
-------
मैं एक व्यापारी हूं और नोटंबदी होने से काफी समय तक लेन-देन में समस्या आई। हालांकि अब सब नियंत्रण में हैं।
-अमित, फरीदाबाद।
-------
नोटबंदी सही है। इससे देश की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक असर पड़ेगा। जमाखोरों द्वारा जमा पैसे को बाहर निकाल सरकार ने सही कदम उठाया है। इसके परिणाम दूरगामी होंगे।
-शिवाली, बीएससी की छात्रा।
------
आज बेरोजगारी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ रही है। सरकार नोटबंदी से आए धन से युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवा सकेगी। सरकार ने कुछ तो किया। इससे देश मे आतंकवादी गतिविधियों पर भी लगाम लगी है।
-दीक्षित, चौपाल।
-------
नोटबंदी सही है। इस कारण ई-बैंकिंग प्रकिया शुरू हुई, जिससे युवा पीढ़ी को तो सुविधा हुई परंतु कई बुजुर्ग ऐसे हैं जो एकल जीवन बिता रहे हैं उनको मुश्किलें हो रही हैं।
-वर्षा ठाकुर, अकाउंटेंट।