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भट्ठाकुफर मंडी में उड़ रहे शारीरिक दूरी के नियम

शिमला स्थित भट्ठाकुफर मंडी के मुख्य गेट पर फलों के वाहन अनलोड हो रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 08:05 PM (IST)
भट्ठाकुफर मंडी में उड़ रहे शारीरिक दूरी के नियम
भट्ठाकुफर मंडी में उड़ रहे शारीरिक दूरी के नियम

शिमला स्थित भट्ठाकुफर मंडी के मुख्य गेट पर फलों के वाहन अनलोड हो रहे थे। वाहन कतार में खड़े थे और एक के बाद एक अनलोडिग का कार्य जारी था। वहीं दूरदराज के क्षेत्रों से सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके ट्रकों के चालक व परिचालक अनलोडिग के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। मंडी के भीतर आढ़ती फलों को खरीदने के लिए आक्शन कर रहे थे। मास्क गले में लटकाकर आढ़ती दाम बता रहे थे। वहीं अपने फल की बेहतर बोली के लिए बागवान इंतजार में थे।

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मंडी में इन दिनों सेब सीजन रफ्तार पकड़ रहा है। रविवार को मंडी में खासी भीड़ नजर आई। लोग सरेआम उचित शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। वहीं कुछ लोग बिना मास्क के आवाजाही कर रहे थे। बेहतर दाम मिलने पर आढ़ती के साथ बागवानों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा था। फल मंडी में सेब की विभिन्न वैरायटियों के साथ नाशपाती का खूब कारोबार जारी है। सेब की 21 हजार पेटियां पहुंची मंडी

शिमला में सेब सीजन में आई तेजी के कारण मंडी में दिन-प्रतिदिन सेब की आवक बढ़ रही है। रविवार को करीब 21 हजार सेब की पेटियां मंडी पहुंचीं। मंडी में अधिकतर पेटियां जुब्बल, चौपाल और कोटखाई से आ रही हैं। इस दौरान रायल सेब 1500 से 2700, स्पर 2000 से 3600, रेड गोल्डन 300 से 1300, गाला 3000, नाशपाती 400 से 1000 प्रति पेटी के भाव से बिका। मंडी में पिछले साल के मुकाबले इस साल सेब के दाम अच्छे मिल रहे हैं, लेकिन तेज बारिश और ओलों के कारण इस बार फसल खराब हो गई है। भट्ठाकुफार से सेब महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल भेजे गए। क्रेट का इस्तेमाल करने से परहेज कर रहे बागवान

सेब की पेटियों के दाम बढ़ने के बीच बागवानों को राहत देने के लिए एपीएमसी ने क्रेट सिस्टम शुरू करने का फैसला लिया था। इसमें करीब आधी कीमत पर बागवानों को सेब की पैकिग के लिए क्रेट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। लेकिन बागवानों को यह सिस्टम रास नहीं आ रहा है। कोटखाई के बागवान प्रदीप धरोटा ने बताया कि क्रेट पेटी के मुकाबले सख्त होता है, इससे सेब को नुकसान पहुंच सकता है। पहले से सेब पर ओलों की मार है लेकिन क्रेट के इस्तेमाल से उसकी हालत और खराब हो सकती है। उनका कहना है कि क्रेट में पेटी के मुकाबले कम सेब पैक हो पाते हैं। इसलिए एक क्रेट की जगह दो क्रेट इस्तेमाल में आएंगी जिसका खर्च पेटी के बराबर आ जाएगा। वहीं बड़े साइज के क्रेट की कीमत 250 से 300 के बीच उपलब्ध हो रही है जोकि पेटी से दोगुनी तीगुनी दाम पर बिक रही है।


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