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कांग्रेस सरकार का फैसला पलटा, टाटा को 2.78 करोड़ जुर्माना

पूर्व कांग्रेस सरकार कंपनी पर पूरी तरह मेहरबान रही। कंपनी को दो करोड़ 78 लाख की बजाय पांच लाख रुपये का मामूली जुर्माना लगाया गया।

By Edited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 12:36 AM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 11:54 AM (IST)
कांग्रेस सरकार का फैसला पलटा, टाटा को 2.78 करोड़ जुर्माना
कांग्रेस सरकार का फैसला पलटा, टाटा को 2.78 करोड़ जुर्माना

 शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के निदेशक मंडल (बीओडी) ने अहम फैसला लिया है। बीओडी ने राज्य को 325 बसें देर से सप्लाई करने वाली टाटा मोटर्स कंपनी को दो करोड़ 78 लाख रुपये का जुर्माना किया है। बीओडी की बैठक में पूर्व कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल फैसले को बदल दिया गया है। एचआरटीसी ने कंपनी पर पहले इतना ही जुर्माना लगाया था। लेकिन तत्कालीन परिवहन मंत्री जीएस बाली इस मामले को मंत्रिमंडल में ले गए।

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पूर्व कांग्रेस सरकार कंपनी पर पूरी तरह मेहरबान रही। कंपनी को दो करोड़ 78 लाख की बजाय पांच लाख रुपये का मामूली जुर्माना लगाया गया। बाकी राशि में छूट दे दी थी। इससे निगम का घाटा और बढ़ गया। यह घाटा 700 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। प्रदेश में जयराम सरकार बनने के बाद अब निगम की नई बीओडी ने तय किया है कि वह पूरा जुर्माना वसूलेगी। सूत्रों के अनुसार बुधवार को हुई बीओडी की बैठक से पूर्व कंपनी के कर्ताधर्ता निगम के आला अधिकारियों के कार्यालय में चक्कर काटते देखे गए। वे नई सरकार की बीओडी को पटाने की फिराक में थे। लेकिन परिवहन मंत्री और नए निदेशकों के तेवर को देखते हुए उनके प्रयास नाकाम रहे।  

छह से आठ महीने देरी से आई बसें कंपनी के साथ तय हुई शर्तो को नहीं माना गया था। इन शर्तो का उल्लंघन किया गया। बसें छह से आठ महीने देर से आई थीं। इससे निगम को करोड़ों का आर्थिक नुकसान हुआ। ये बसें 37 सीटर थीं। कर्ज लेकर खरीदी बसें पूर्व कांग्रेस सरकार ने निगम के माध्यम से 325 बसों की खरीद में फिजूलखर्ची की। इनमें से एक बस की कीमत 20 से 25 लाख रुपये थी। 800 बसें जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत खरीदी गई। इसके अलावा 325 बसों को राज्य के अपने कोटे से खरीदा गया। इसके लिए कर्ज लिया गया जबकि इनकी जरूरत नहीं थी।

खड़ी रही 325 बसें केंद्रीय सहायता से जेएनएनयूआरएम के तहत खरीदी गई 325 बसें सड़कों के किनारे खड़ी रहीं। ये बसें टाटा मोटर्स के अलावा थीं। ये बसें डेढ़ साल तक सड़कों कि किनारे खराब होती रहीं। इससे निगम को करोड़ों की चपत लगी। अब सरकार ने इनमें से 60 बसों के रूट लिए हैं। शेष बसें अब तक खड़ी हैं। लंबी बसें होने के कारण ये संपर्क मार्गो पर भी नहीं चलाई जा सकती हैं। इस मामले में निजी बस ऑपरेटरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाल ही में सरकार के पक्ष में फैसला आया है।

पूर्व कांग्रेस सरकार ने गलत तरीके से जुर्माना घटाया था। बीओडी ने निर्णय लिया है कि टाटा मोटर्स से पूरा जुर्माना वसूला जाए। हम निगम की आय में बढ़ोतरी करने के पक्षधर हैं। इस संबंध में कई कड़े कदम उठाए हैं।

-गोविंद ठाकुर, परिवहन मंत्री


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